अंगद के पैर में ऐसा क्या था जो लंका का कोई भी योद्धा उठा न सका?
भगवान राम जब माता सीता को लाने के लिए लंका की ओर प्रस्थान किए तब उनकी सेना में बहुत से वीर योद्धा मौजूद थे। उन्हीं में से एक थे वानर राज बाली और अप्सरा तारा के पुत्र अंगद।
हनुमान, जामवंत और अंगद ये तीनों वीर, “प्राण विद्या” में पारंगत थे। इसी प्राण विद्या के बलबूते ही वो जो चाहे कर सकते थे।
अंगद को जब श्रीराम ने अपना दूत बनाकर रावण की सभा में भेजा था, तब प्राण विद्या का उपयोग करके ही अंगद ने अपने पैरों को इतना बलिष्ठ और कठोर बना लिया था कि कोई हिला ना सका।