अमिताभ ने राजेश खन्ना को किन कारणों से पीछे छोड़ दिया?

अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना इन दोनों की फिल्मी पारियों का अंत व आरंभ कुछ इस प्रकार से हुआ था जब राजेश खन्ना सफलता के परचम लहरा रहे थे और एक के बाद एक हिट फिल्में यानी कुल 15 फिल्में राजेश खन्ना नेलगातार हिट दी थीं यह रिकॉर्ड अभी तक टूटा नहीं है दूसरी और अमिताभ बच्चन ने सफलता से पहले 18 फिल्में फ्लॉपप थीं।

दिवंगत प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ उनकी माताजी की नज़दीकियां थी जिस कारण उन्हें फिल्म उद्योग में सहजता से तो नहीं किंतु मजबूरीवश लेना पड़ा था क्योंकि क्योंकि उस समय खूबसूरत फिल्मी हीरो होना एक प्रमुख मापदंड होता था इस मापदंड में राजेश खन्ना , शम्मी कपूर , देवानंद , धर्मेंद्र ,राजेंद्र कुमार, मनोज कुमार आते हैं लेकिन औसत से ज्यादा लंबाई वाले अमिताभ बच्चन जो बिल्कुल पतला दुबला शरीर व चेहरा लिए इस फिल्मी दुनिया में शायद ना फिट हो पाते यदि उनको प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लिखित पत्र ना मिलता जो उन्होंने फिल्म उद्योग के कुछ प्रमुख व्यक्तियों को अमिताभ बच्चन की सिफारिश में लिखा था खैर अब कारणों की बात की जाये कि अमिताभ बच्चन ने राजेश खन्ना को पीछे क्यों छोड़ दिया था ?

अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना ने दो फिल्मों में एक साथ अभिनय किया था एक फिल्म का नाम नमक हराम था दूसरी का नाम आनंद था और इन दोनों फिल्मों को यदि आज भी देखें तो इस फिल्म में राजेश खन्ना की लोकप्रियता या स्टारडम अधिक दिखाई देता है।
राजेश खन्ना की छवि एक रोमांस करने वाले हीरो के रूप में बनी हुई थी लगातार उन्हें उन्हें इसी भूमिकाओं में देखकर दृशक भी उकता गए थे और दर्शकों का ट्रेंड भी बदली हो गया था जब जंजीर फिल्म में अमिताभ बच्चन ने पर्दे पर एंग्री यंग मैन का चरित्र निभाया तो लोगों को यह बहुत पसंद आया था।
उस समय की फिल्मी पत्रिकाएं व फिल्मों की नजदीक से जानकारी रखने वाले लोग बताते हैं कि राजेश खन्ना जब अपनी सफलता के चरम पर थे तो वह कुछ घमंडी हो गए थे उनके लिए फिल्म उद्योग में एक डायलॉग बहुत प्रसिद्ध था कि ऊपर आका तो नीचे काका , राजेश खन्ना का छोटा नाम काका था उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में उनके इस नाम से बुलाया जाता था और एक कहावत है कि घमंड तो रावण का भी नहीं रहा सामान्य इंसान की क्या बिसात है।
राजेश खन्ना के बारे में एक बहुत चर्चित बात यह रही थीकि वह शराब को बहुत जी जान से प्यार करते थे उन्हें शराब पीने के लिए अपने साथ कम से कम आठ 10 आदमी भी चाहिए होते थे और शराब पीते समय वह यह नहीं देखते थे अभी कितना समय हो गया है जबकि दूसरी तरफ अमिताभ बच्चन इतनी फ्लाप फिल्में देने के बाद अपने कैरियर के प्रति गम्भीर थे थे उन्होंने फिल्म जंजीर हिट होने के बाद फिल्मों को बहुत ध्यान से चुनना पसंद किया और दर्शकों को उनका अंदाज उनकी पर्सनैलिटी अब लुभाने लगी थी यदि अमिताभ बच्चन की पुरानी फिल्में देखें तो आप उनके चेहरे को देखकर हैरान रह जाएंगे पर वही जब वह अपनी हिट फिल्म देने के बाद लोगों में लोकप्रिय हुए तो लोगों को उनकी एक एक स्टाइल व अदा पसंद आने लगी.


ऐसा माना जाता है कि जब विपत्तियां आती है तो वह अकेली नहीं आती है राजेश खन्ना के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जब उनकी फिल्में असफल होने शुरू हुई तो उसी दरमियान उनका अपनी पत्नी डिंपल कपाड़िया के साथ मनमुटाव भी रहने लग गया था जिसकी वजह से वह काफी शराबी पीने लग गए थे उस समय उन्होंने फिल्में भी गलत चुनी गई थी.


जैसे प्रकृति का नियम है जिसने इस धरती पर जन्म लिया है उसने इस धरती से 1 दिन विदा भी होना है सफलता और असफलता दोनों ही एक सिक्के के पहलू हैं सफलता की एक ऊंचाई छूने के बाद असफलता जरूर आती है और राजेश खन्ना इसके अपवाद नहीं थे एक भरपूर सफल कैरियर देखने के बाद उनको असफलता का सामना करना पड़ा और उनकी जगह अमिताभ बच्चन ने ले ली।

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