आईसीएमआर ने निर्देशों के साथ दी मंजूरी, कोरोना टेस्ट अब कर सकेंगे ख़ुद

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने कोविड-19 के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा है कि जिन लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण हैं और जो जाँच में पॉज़िटिव पाये गए किसी मरीज़ के संपर्क में रह चुके हैं, उन्हें कोविड-19 की पुष्टि के लिए आरएटी की मदद से घर पर ही जाँच करनी चाहिए.

आईसीएमआर के ताज़ा परामर्श के मुताबिक़, उन सभी लोगों को जिन्हें आरएटी में पॉज़िटिव पाया जाता है, उन्हें कोविड पॉज़िटिव समझा जाये और उन्हें दोबारा टेस्ट कराने की कोई ज़रूरत नहीं है.

आईसीएमआर ने कहा है कि “घर पर आरएटी किट का इस्तेमाल वो लोग ही करें जिनमें कोरोना के लक्षण हैं. बिना सोचे समझे ये टेस्ट ना करें.”

“लेकिन जिन लोगों में कोरोना के लक्षण हैं और वो अगर आरएटी में नेगेटिव आते हैं, तो उन्हें तुरंत आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना चाहिए. ये इसलिए है क्योंकि हमने देखा है कि जिन मरीज़ों में वायरस का लोड (मात्रा) कम होता है, कई बार उनमें आरएटी के ज़रिये कोविड-19 की पुष्टि नहीं हो पाती. हालांकि, नेगेटिव आने के बाद भी कोरोना के लक्षण वाले लोगों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करना चाहिए और उन्हें कोरोना के एक संभावित मरीज़ के तौर पर लिया जाना चाहिए.”

आईसीएमआर ने कहा है कि आरएटी किट के साथ दिये गए पर्चे पर उसके इस्तेमाल से जुड़ी सारी जानकारियाँ होती हैं. उन्हें पढ़कर, उनका पालन करें.

संस्थान के अनुसार, गूगल प्ले-स्टोर और एप्पल स्टोर पर होम टेस्टिंग की जानकारी देने वाले मोबाइल ऐप भी हैं जिन्हें घर पर जाँच कर रहे लोग डाउनलोड कर सकते हैं.

आईसीएमआर के अनुसार, घर पर जाँच कर रहे सभी लोग टेस्ट की तस्वीर मोबाइल फ़ोन के ज़रिये ऐप में अपलोड कर, अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

आईसीएमआर ने बताया कि लोगों का डेटा एक सिक्योर सर्वर पर रहेगा जो आईसीएमआर के कोविड-19 टेस्टिंग पोर्टल से जुड़ा है. यहीं सारा डेटा एकत्र किया जाता है. इस नई प्रक्रिया में मरीज़ों की गोपनीयता बनाकर रखी जायेगी.

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