आप मुझे दो मिनट में क्या बता सकते हैं जो मेरे दिमाग के होश उड़ा दे?

क्या आपको पता है कि 2004 में एक 10 साल की लड़की ने सैकड़ों लोगों की जान बचायी थी और वो भी अपने ज्ञान के चलते। बात है दिसंबर 2004 की जब टिली स्मिथ नाम की एक 10 साल की लड़की अपनी एक छोटी बहन और अपने मम्मी पापा के साथ थाईलैंड के फुकेत आइलैंड में एक बीच पर टहल रही थी। बीच के पास ही उनका होटल भी था, यह परिवार छुट्टियां मनाने के लिए थाईलैंड आया हुआ था।

आने वाले किसी भी तरह के खतरे से बेखबर, सैकड़ों सैलानी बीच का लुत्फ़ उठा रहे थे तभी टिली की नज़र समुद्र के पानी पर पड़ती है। उसने देखा कि समुद्र का पानी अचानक से पीछे जाने लगा है और किनारे पर कुछ बुलबुले से दिखाई पड़ते हैं। उसे तुरंत अपनी कुछ दिन पहले की क्लास का सबक याद आ जाता है जो हाल ही में उसे उसके शिक्षक ने सिखाया था, टिली तुरंत अपनी माँ को कहती है कि “माँ सुनामी“

माँ ने यह सुनते ही वहां मौजूद बीच और होटल स्टाफ को सूचित किया और देखते ही देखते पूरे बीच और होटल को खाली करा लिया गया। कुछ समय के बाद ही वहां सुनामी आ गयी। और जब कुछ दिनों के बाद सुनामी के दौरान गायब हुए या मारे गए सैलानियों का ब्यौरा आया तो थाईलैंड का वो बीच एक ऐसा बीच था जहां से किसी के भी गायब या हताहत होने की खबर नहीं थी। मुझे यह कहानी पता चली हमारी एक ट्रेनिंग के दौरान जो कि सुरक्षा पर आधारित थी। सोचिये एक दस साल की छोटी लड़की की समझदारी और ज्ञान कि वजह से कितनी जिंदगियां बच गयीं। सोचिये कि इंग्लैंड में दस साल के बच्चों को क्या पढ़ाया जा रहा है. और ये भी सोचिये कि हमारे देश में हम 10 साल के बच्चों को क्या पढ़ा रहे हैं।

हम अपने बच्चों को सालो से वही पढ़ाये जा रहे हैं कि अकबर कौन था , रानी लक्ष्मीबाई ने किला कैसे जीता? यह ज्ञान कितना व्यवहारिक है? यह सोचने का विषय है। हमारे स्कूल बस लगे हुए हैं बच्चो को टॉपर बनाने में । इस कहानी को बताने से पहले हमारे ट्रेनर ने हमें अंग्रेजी में एक वाक्य बोला था जिसका मतलब कुछ ऐसा हो सकता है कि हमारी आंखें वो चीज नहीं देख पातीं जिस चीज के बारे में हमारे दिमाग को कुछ नहीं पता। अब सोचिये जिस व्यक्ति को नहीं पता कि सुनामी क्या है और अगर सुनामी आने वाली है तो समुद्र की लहरों में क्या परिवर्तन आएगा, तो समुद्र के पानी को पीछे जाता देख वो तो ये ही सोचेगा कि वह कितना भाग्यशाली है कि ईश्वर उसे ऐसा अद्भुत दृश्य दिखा रहा है कि समुद्र का पानी पीछे जा रहा है।

यह छोटी सी कहानी सिर्फ इसीलिए कि हम बच्चों को अपने इतिहास अपनी संस्कृति का ज्ञान तो अवश्य दें किन्तु उनको वो व्हावहारिक ज्ञान भी दें जो जीवन पर्यन्त उनकी मदद कर सके। अगर कोई शिक्षक/शिक्षिका इस उत्तर को पढ़ रहे हैं तो कृपया कोशिश करके अपनी ओर से कुछ प्रयास जरूर करें कि बच्चो को व्यावहारिक ज्ञान ज्यादा दिया जा सके। कितने ही स्कूलों / बिल्डिंगों में अग्नि शामक यंत्र लगे रहते हैं मगर कितने ही लोग जरूरत पड़ने पर उसको चला पाएंगे यह सोचने का विषय है। इस उत्तर का मकसद इतना ही कि कम से कम आप कुछ सोचने पर मजबूर हों।

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