आश्चर्य:- अब रेल की पटरियों को जोड़ेगा महीन धागा, जानिए कैसे

आज इस तकनीकी और प्रौद्योगिकी युग में नए-नए आविष्कार किए जा रहे हैं. अविष्कार से लोगों को जितनी सुविधाएं मिलती है. उसके साथ-साथ सरकार को भी बेनिफिट मिलता है. हाल ही में एक नए आविष्कार रेल की पटरियों को जोड़ने में हुआ है जो कि प्रेक्टिकल द्वारा सफल साबित हुआ है. इससे सरकार को करोड़ों की लागत से छुट्टी मिलेगी. आइए आज मैं आप लोगों को इस कमाल के अविष्कार के बारे में विस्तार से बताता हूं.

रेल की पटरीयों को बिछाने के बाद उसे जोड़ने का काम भी करना पड़ता है, नहीं तो पटरियों के बीच गैप रह जाता है. जिसके बाद दौड़ने वाली रेल गाड़ियों के सिग्नल भी सही तरह से हासिल नहीं हो पाती है. पहले दोनों पटरियों के बीच गैप को जोड़ने के लिए ग्लूड जॉइंट का इस्तेमाल किया जाता था. जिसमें दोनों तरफ के प्लेट को आपस में जोड़ा जाता था. इसमें बहुत सारे खर्चे होते थे. ग्लूड जॉइंट मैं सिग्नल के सर्किट भी होते है. अगर प्लेट खराब हो जाता है तो उसे रिपेयरिंग करने में लाखों रुपए खर्च आते हैं.

सुल्तानपुर में कार्यरत इंजीनियर मंगल यादव ने ग्लूड ज्वाइंट रिपेयर करने के लिए फाइबर कपड़े का इस्तेमाल किया. और प्लेट को जोड़ने वाले बोल्ट के बीच फाइबर कपड़े को सुई में पिरोने वाले धागे से बांध दिए. जिसके बाद गुजरने वाली रेलगाड़ियों के दबाव से पटरी और बोल्ट के बीच कोई संपर्क नहीं रहेगा और सिग्नल में भी दिक्कत नहीं आएगी. फिलहाल यह प्रयोग सफल रहा है,अब देखना है सरकार इस प्रयोग को कब तक लागू करती है.

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