किन जानवरों का जहर दवा बनाने में उपयोग किया जाता है?

हम सब सांपों से बहुत डरते हैं। डरना भी चाहिए क्योंकि कुछ सांपों का जहर जानलेवा होता है। सांप के जहर का इलाज केवल एंटी-वेनम सीरम या प्रतिविष सीरम ये होता है, जो कि सांप के जहर से ही बनते हैं।

सदियों पहले से ही हम इंसानो को यह पता था कि जहरीले पदार्थों और एजांइम्स के खतरनाक मेल वाले इस जहर में कई औषधीय गुण भी हैं।

जहर से बनी बहुत सी आधुनिक दवाएं तंत्रिका तंत्र, ह्दय संबंधी और रक्त से जुड़े रोगों के इलाज करने में कारगर साबित हुई हैं। आपको यह जानकर शायद हैरानी होगी कि सांप जब डसता है तो उसका जहर इन्हीं तंत्रों को नाकाम करके शिकार की जान ले लेता है।

‘गिला मॉन्स्टर’ – इसकी लार में मौजूद एक प्रोटीन से डायबिटीज के इलाज की कोशिश की जा रही है।
कैप्टोप्रिल (हाइपरटेंशन और दिल के दौरे के लिए) साउथ अमेरिका के सांप पिट वाइपर जराराका के जहर से बनती है।
एप्टीफिबाटिडाइ (रक्त संबंधी रोग के लिए) अमेरिका के सांप पिग्मी रैटलस्नेक से बनाई जाती है।
एन्करॉड (मस्तिष्क आधात के मरीजों के लिए) को सांप मलय पिट वाइपर के जहर से बनाया जाता है।
एक और दवा जाईमेलागाटरान कोबरा सांप के जहर से बनी है और इसका इस्तेमाल मस्तिष्क आघात के मरीजों के इलाज के लिए तो किया ही जाता है लेकिन उसके अलावा हड्डियों की सर्जरी के दौरान भी इसका उपयोग किया जाता है।
अमेरिका में पाई जाने वाली जहरीली छिपकली ‘गिला मॉन्स्टर’ की विषाक्त लार में मौजूद एक प्रोटीन से टाइप-टू डायबिटीज सही करने की कोशिश की जा रही है।

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