कैसे पता चला कि उल्लू रात में देखता है? जानिए
एक बार मेरे घर पर भोज था।हलवाई सब भोजन बनाने में व्यस्त थे।रात्रि के आठ बज रहे थे।एक उम्दा प्रजाति का उल्लू हमारे हॉल में उड़ता हुआ चला आया।घर में भीड़ थी।एक हलवाई उस उल्लू पर लपका।हमने पूछा क्या है? उसने कहा उल्लू है।हलवाई की पकड़ धकड़ में उल्ले हमारे बेडरुम में धूस आया ।हलवाई उसे पकड़ना चाह रहा था।हमने पूछा तुम क्यों पकड़ना चाहते हो?उसने कहा इसका मांस बड़ा स्वादिष्ट होता है।
हमने कहा लोग उल्लू को भी मारकर खा जाते हैं।हमने अपने बेड रुम में ताला जड़ दिया।उसमें किसी को नहीं जाने दे रहे थे।किसी को उल्लू पकड़ने नहीं दिया।
रात बीत गई।भोज समाप्त हुआ।हलवाई सब चले गये थे।उस कमरे में उल्लू एक टेबल पर बैठा था।हमने दोनों तरफ के दरवाजों को खोल दिया।बच्चे सब उस उल्लू को देख रहे थे।लेकिन उल्लू था कि टस से मस नहीं हो रहा था।मैं उसे लक्ष्मी का वाहन समझकर परिचर्या कर रहा था।उसे पहले भगाने का प्रयास किया।फिर ध्यान आया कि शायद इसे दिन में नहीं दिखता है इसलिए वह टस से मस नहीं हो रहा था।बच्चे आते थे और देखकर चले जाते थे।
फिर बात आयी कि उल्लू को कुछ खाने दिया जाये।तब दही चिवड़ा और रसगूल्ले उसे दिये गये।साहस करके टेबल पर भोजन रखा गया था।लेकिन दिनभर उल्लू कुछ नहीं खाया।फिर शाम का समय आया हम दरवाजा खोल रहे थे।कुछ लोग आकर उल्लू के साथ सेल्फी बना रहे थे।मैं ईश्वर से मना रहा था कि हे ईश्वर इस उल्लू को सद्बुद्धि दो कि यह भाग जाये और अपने मां बाप के पास चला जाये जिससे इसका जीवन बच जाये अन्यथा बिल्लियों से बचाना मुश्किल था।अंधेरा होने लगा तभी उल्लू भीड़ को चीरता रॉकेट की तरह आसमान में उड़ गया।सभी लोग सेल्फी ले रहे थे मैं खुश था कि उल्लू की जान बची।मैंने सोचा जान बची तो लाखों पाये लौट के बुद्धु /उल्लू घर को आये।मुझे पता चल गया था कि उल्लू को दिन में नहीं रात में दिखता है।इसीतरह लोगों को यह जानकारी मिली होगी।उल्लू अपनी चारों तरफ देख सकता है बड़ी बड़ी आंखे होती है।