कोरोना संकट के चलते चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुना का हुआ निधन

कोरोना संकट के बीच एक दुखद खबर सामने आई है। चिपको आंदोलन के नेता और विश्वविख्यात पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा नहीं रहे. विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् बहुगुणा की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है। 95 साल की उम्र में सुंदरलाल बहुगुणा ने ऋषिकेश एम्स में अंतिम सांस ली।

कुछ दिन पहले वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। जिसके बाद उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी जिससे उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। यहां उनका काफी समय से इलाज चल रहा था लेकिन शुक्रवार को उनका निधन हो गया। सुंदरलाल बहुगुणा एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और चिपको आंदोलन के नेता थे।

विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा पिछले कई वर्षों से हिमालय में वनों के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे थे। वह पहले 1970 के दशक में चिपको आंदोलन के प्रमुख सदस्यों में से एक थे। इसके बाद, 1980 के दशक से 2004 की शुरुआत में टिहरी बांध विरोधी आंदोलन का भी नेतृत्व किया गया। चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा ने भी तीन कृषि कानूनों के विरोध में अन्नदाता को अपना समर्थन दिया था। गौरतलब है कि किसान 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सभी सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

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