क्या केवल दक्षिण पश्चिम रेलवे ने एक प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत ५० रुपये कर दी है या पूरे देश में ऐसा हुआ है?

प्लेटफ़ॉर्म टिकट एक प्रकार का रेल टिकट होता है जो रेलवे द्वारा जारी किया जाता है। ये धारक को किसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों तक पहुँचने की अनुमति देता है, लेकिन ये किसी भी ट्रेन में चढ़ने और यात्रा करने के लिए मान्य नहीं है। इसका उपयोग अक्सर धारक द्वारा अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ उन्हें ट्रेन में बिठाने एवं विदा करने के लिए उनके नियत प्लेटफार्म तक जाने की अनुमति देता है, जहां स्टेशनों पर आम जनता को प्लेटफार्मों पर प्रवेश नहीं दिया जाता है।

कोरोनोवायरस के मद्देनजर बड़ी भीड़ को प्लेटफॉर्मों पर इकट्ठा करने को हतोत्साहित करने के लिए कुछ क्षेत्रीय रेलवे द्वारा प्लेटफॉर्म टिकट शुल्क १० रुपये से बढ़ाकर ५० रुपये कर दिया है।

यह पश्चिमी रेलवे क्षेत्र के छह प्रभागों – मुंबई, वडोदरा, अहमदाबाद, रतलाम, राजकोट, भावनगर द्वारा किया गया है – जो लगभग २५० रेलवे स्टेशनों को कवर करता है।

दक्षिणी रेलवे ज़ोन में, केवल चेन्नई में प्लेटफ़ॉर्म टिकट की कीमत बढ़ाई गई है।

जबकि सेंट्रल ज़ोन में पांच डिवीजनों को शामिल करते हुए – मुंबई (सीएसटी), भुसावल, नागपुर, सोलापुर, पुणे – में सभी स्टेशनों पर कीमतें बढ़ा दी गई हैं।

कोरोनोवायरस समस्या को देखते हुए भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए बहुत से स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट शुल्क बढ़ा दिया गया है, विभिन्न क्षेत्रीय रेलों द्वारा यह स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है। इसी क्रम में हो सकता है कि दक्षिण पश्चिम रेलवे द्वारा भी कुछ स्टेशनों या पूरे ज़ोन में प्लेटफार्म टिकट की कीमत बढ़ा कर ५० रुपये कर दी गई हो।

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