क्या पितृ देव हमारे द्वारा दिया हुआ जल, पान और भोजन ग्रहण करने आते हैं?
आप यक़ीन करो या ना करो मरने के बाद हमारे पूर्वज यहीं रहते हैं, हमें देखते रहते हैं। अगर कोई पुण्यात्मा हैं तब वे दूसरे लोकों में जाते हैं वरना यहीं रह जाते हैं। ऐसे कई उदाहरण हमारे आस पास मिल जायेंगे।
एक हमारे दादा के दादा थे जिन्होंने अनाज मिल लगवाई और उसपर काफी दिनों तक काम करने के बाद उनकी मृत्यु हो गयी, अब भी वे अपने अनाज मिल पर रात को बैठते हैं जबकि उनकी मृत्यु को 20 साल हो चुके हैं।
अब आते हैं आप के सवाल पर-
शास्त्रों के अनुसार जो भी हम यहाँ तर्पण करते हैं पूर्वजों को परलोक में खाने को मिलता है। अगर कोई तर्पण नहीं करता है तो पूर्वज निराश हो जाते हैं और शाप भी दे सकते हैं।
अगर कोई तर्पण या पिंड दान करने में असमर्थ है तो निर्जन स्थान पर जाकर पितरों से प्रार्थना कर सकता है कि “हे महान पितरों हम आपको तर्पण करने में असमर्थ हैं कृपया हमारा कल्याण करिये, आपके ऋणी हैं हम”