क्या भूत पिशाच वास्तव में होते हैं? यदि नहीं होते हैं तो फिर हनुमान चालीसा में क्यों लिखा है कि “भूत पिसाच निकट नहीं आवै। महावीर जब नाम सुनावै।।” जानिए सच

भूत पिशाच होते है। पर वैसे नही जो आपको फिल्मों में बताए जाते है। यह वह आत्मा है जो अतृप्त है। वह पृथ्वी लोक मे ही है।

पहले यह समझ लें मरणोपरांत होता क्या है। शास्त्रों के अनुसार आत्मा 13 दिनों तक अपने इष्ट, घर के आसपास ही मंडराती है। यदि सही संस्कार, कर्म संपादित करेंगे तो आत्मा अगले लोक में जाएगी। अब यह आत्मा के कर्मो का बैलेंस है उसे कौनसे लोक में ले जाएगा। पृथ्वी के अलावा 6 लोक हैं।bhuaha, जनाः, तपः, सहा, महाहा,सत्यम

जो आत्माएं पृथ्वी लोक के ऊपर नही जा सकती वे अपने व्यवहार के अनुसार वैसे ही लोगो को परेशान करेंगी। अर्थात आप एक स्वच्छ आत्मा हो उस भटकी आत्मा के तुलना में आपको कुछ नही होगा

यह भटकी आत्मा स्वयं से कुछ नही कर सकती क्योंकि शरीर और मस्तिष्क नही है। इसलिए यह सब किस्से कहानिया की उसने रूप धारण कर लिया या आप भानगढ़ के किले में रात को गए तो किसी अदृष्य वस्तु ने आपको रोक दिया परेशान किया यह सब ग़लत है। आत्मा को शरीर चाहिए परेशान करने के लिए। इसलिए यह भूत पिशाच आपके अस पास ही है। वह आपके परिवार में हो सकते है ,दोस्त हो सकते है। भटकी आत्मा बिला वजह किसी को परेशान नही करेगी। वह अपना कर्मो का लेखा जोखा ले कर चलती है,उसे मालूम है किसका अहित करना है।

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