क्या सचमुच विनोद खन्ना”ओशो” के चक्कर में पड़ कर बर्बाद हो गए थे? जानिए सच
जी हां यह सच है। विनोद खन्ना जी ओशो के चक्कर में पढ़ कर बर्बाद हो गए थे।
विवादास्पद आध्यात्मिक गुरु और दार्शनिक ओशो ने बॉलीवुड में मशहूर कलाकार को सुपर स्टार बनने से रोक दिया। चौंकिए नहीं, बल्कि यह सच है। ओशो ने नामचीन बॉलीवुड स्टार विनोद खन्ना की सिर्फ जिंदगी ही नहीं बदली बल्कि शायद उनसे सुपर स्टार का तमगा भी छीन लिया।
ऐसा मानने वालों की कमी नहीं है कि अगर विनोद खन्ना आचार्य रजनीश के चक्कर में न पड़ते तो शायद बॉलीवुड का इतिहास कुछ और होता। शायद अमिताभ बच्चन इतनी आसानी से सुपर स्टार नहीं बनते और विनोद खन्ना का करियर उनके आसपास ही होता। ओशो का जादू विनोद खन्ना के सिर चढ़कर बोला लेकिन आखिर क्यों अमिताभ बच्चन उनसे बचे रहे और बॉलीवुड में कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चले गए।
ऐसा कैसे हुआ, जब विनोद खन्ना बॉलीवुड के टॉप के एक्टर थे तो उस वक्त उन्होंने ऐसा फैसला कर लिया जिसने उनका करियर खत्म कर दिया। दरअसल, साल 1982 का वक्त था और उन्होंने अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विनोद खन्ना ने ऐसा ऐलान किया जिसने सब बदल कर रख दिया।
विनोद खन्ना ने ऐलान करते हुए कहा कि वह फिल्म जगत को अलविदा कह दिया। यही नहीं, विनोद खन्ना ने न केवल फिल्म इंडस्ट्री छोड़ी, बल्कि उन्होंने अपनी सारी दौलत शोहरत को भी छोड़ने का ऐलान किया।
विनोद खन्ना ने ये सब इसलिए किया क्योंकि उन पर आध्यात्म का भूत सवार हो गया था। विनोद सब छोड़कर आध्यात्मिक गुरु आचार्य रजनीश के पास अमेरिका चले गए और उनके आश्रम में विनोद खन्ना सादा जीवन व्यतीत करने लगे।
करीब 5 साल बाद विनोद को एहसास होता है कि वह समाज में अपना जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। वह भारत आए लेकिन तब तक सब कुछ बदल चुका था।
विनोद खन्ना के पास न ही शोहरत पैसा बचा था और ना ही उनकी पत्नी ऐसा कहा जाता है कि जब वह अमेरिका से लौट कर आए तब उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह एक स्टार की जिंदगी व्यतीत कर सकें