क्या हास्य कलाकार जॉनी लीवर जी सच में कभी कलम बेचते थे? जानिए

कहते हैं हर कामयाब व्यक्ति के पीछे उनकी संघर्ष भरी कोई न कोई कहानी छुपी होती है। कॉमेडी के बादशाह जॉनी लीवर ऐसे ही शख्सियत हैं, जिन्होंने काफी कठोर परिश्रम के बाद बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडी किंग के रूप में अपनी पहचान बनाई। तो आइए आज जॉनी लीवर के जिंदगी पर डालते हैं एक नज़र.

कॉमेडी के उस्ताद जॉनी लीवर का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था, उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उनके पिता एक निजी कंपनी में ऑपरेटर का काम करते थे और उनकी मां घर संभालती थीं। जॉनी लीवर ने आन्ध्रा एजुकेशन सोसाइटी हाई स्कूल से अपनी पढाई शुरू की थी, लेकिन घर की माली हालत खराब होने की वजह से जॉनी को सातवीं क्लास के बाद अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। यहां से शुरू हुई उनकी संघर्ष की कहानी.. जब जॉनी लीवर के घर की आर्थिक हालत ज्यादा खराब हुई तो उन्होंने घरवालों के मदद की ठानी। जिसके बाद उन्होंने मुंबई की सड़कों पर बॉलीवुड सितारों की नकल करके घूम घूमकर पेन बेचना शुरू कर दिया था, इसके साथ ही डांस करके भी वो लोगों का मनोरंजन किया करते थे।

दरअसल उन्हें बचपन से मिमिक्री करना बेहद ही पसंद था, लोगों को जोक सुनाकर हँसाया करते थे। लेकिन जोक सुनाकर या फिर किसी की मिमिक्री करके किसी को हँसाना आसान नहीं होता, लेकिन जो खुशी, जो सुकून लोगों को हंसाकर मिलता है उसका आनंद ही कुछ और होता है। कुछ समय बाद में जॉनी ने अपने पिता के साथ मुंबई की हिंदुस्तान लीवर कंपनी में काम करना शुरू कर दिया था। यहां भी वो एक्टिंग और कॉमेडी कर लोगों को हंसाया करते थे। धीरे – धीरे वो मशहूर होने लगे थे और यहीं पर उनको जॉनी लीवर नाम दिया गया था, बता दे उनके बचपन का नाम जॉन प्रकाश राव जनुमाला था।

जॉनी लीवर ने बाद में स्टैंडअप कॉमेडी करना शुरू कर दिया था, और एक ऐसे ही शो के दौरान अचानक सुनील दत्त की नजर उनपर पड़ी। इसके बाद सुनील दत्त ने जॉनी लीवर को फिल्म ‘दर्द का रिश्ता’ में पहला ब्रेक दिया, यहां से उनके बॉलीवुड करियर की शुरुआत हो गई। इसके बाद कई फिल्मों में वो सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर नजर आने लगे, दर्शकों को उनकी कॉमेडी काफी ज्यादा पसंद आने लगी और लोगों ने उन्हें कॉमेडी का बादशाह बना दिया।

कई सालों तक फिल्मों में वो मिमिक्री करते रहे। उनकी एक्टिंग देख सब हंस-हंस के लोट-पोट हो जाते थे। जॉनी लीवर ‘बाजीगर’, ‘राजा हिंदुस्तानी’, ‘जुदाई’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘फिर हेरा फेरी’, जैसी फिल्मों में नज़र आ चुके हैं और उन्हें कई सारे अवार्ड्स से नवाज़ा जा चुका है जैसे, 1997 : सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए स्टार सीन अवार्ड (राजा हिंदुस्तानी), 1999 : फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता अवार्ड (दूल्हे राजा) इत्यादि।

पढ़ाई छोड़ और पेन बेचने से लेकर एक बेस्ट कॉमेडियन बनने तक का सफर जॉनी लीवर के लिए आसान नही रहा, उनको बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी थी। जॉनी लीवर का जीवन करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो दिखाता है की अगर आपके अंदर टैलेंट है तो, देर से ही आप अपना रास्ता बना ही लेते हैं

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