क्या हिमालय के महान ऋषियों से मिलने का अवसर प्राप्त हो सकता है? वे महान विभूतियां कहाँ निवास करती हैं? जानिए
आप हिमालय चले जाए, भाग्य में हुआ तो किसी सिद्ध संत से भेंट हो ही जाएगी। जहां तक उनके निवास का सवाल है, यदि उन्हें निवास ही चाहिए होता तो अपना आवास छोड़ कर हिमालय क्यों जाते भला? हिमालय बसने की जगह नहीं, खो जाने की जगह है। स्वयं को खो कर है कुछ पा सकते है। वहां कोई एक रास्ता नहीं, वहां कोई एक मंजिल नहीं।
वहां से वापस आने की सोचेंगे तो ज्यादा आगे नहीं जा पाएंगे, क्योंकि रास्ता खत्म होते ही आपको वापस आने की चिंता सताने लगेगी। और जहां तक रास्ता होगा वहां तक लोगों की आवाजाही से संत ठहरते ही नहीं। तो वहां कुछ छुपा हुआ या रहस्य नहीं है, बस वहां तक जाने की लोगों में हिम्मत नहीं है। भाग्य से कुछ मिलने से पहले ही पुरुषार्थ दम तोड देता है।