क्यों ज्यादातर लोग बलि प्रथा का विरोध तो करते हैं परंतु बकरी ईद के बारे में चुप्पी साध लेते हैं?

सामान्यता हिंदू धर्म के लोग बलि प्रथा का विरोध अधिकतम करते हैं क्योंकि हमारे धर्म में जीव दया क्षमा प्रार्थना आदि जैसे * गुणों को हमारे जीवन में बाल्यावस्था से ही संस्कार हमें दे दिए जाते हैं जिस वजह से हम लोग बलि प्रथा यानी कि जीव हत्या याने की हिंसा का विरोध हम लोग करते हैं हमारे मुस्लिम भाइयों में ईद के दिन बकरे की बलि दी जाती है.

जिसकी वजह से वह बलि प्रथा का विरोध कम ही करते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि उनके अंदर दया प्रेम क्षमा आदि गुण नहीं होते उनके अंदर भी यह गुण पाए जाते हैं परंतु उनके मीट खाने की वजह से हम सभी लोगों को ऐसा एहसास होता है कि शायद यह गुण उनके अंदर नहीं होते हां प्रतिशत का अंतर हो सकता है इसी कारण मुस्लिम भाई बलि प्रथा का विरोध नहीं कर पाते क्योंकि ईद के दिन वह स्वयं बकरे की बलि देते हैं और अन्य धर्म के लोग बलि प्रथा का विरोध इसलिए करते हैं क्योंकि वह हिंसा है.

लेकिन बकरी ईद के बारे में अन्य धर्म के लोग इसलिए चुप्पी साध लेते हैं क्योंकि एक तो वह मुस्लिम धर्म की रीति रिवाज है रसमें है परिपाटी है प्रथा है दूसरा कारण अमन चैन पसंद लोग ऐसी बात करना पसंद नहीं करते कि किसी को बुरी लगे तीसरा कारण इसलिए, चुप्पीसाध लेते हैं कि कहीं कोई इस बात को लेकर बवाल ना होने लगे मेरा ऐसा मानना है.

कि जैसे-जैसे हमारे मुस्लिम भाई साक्षरता में विद्या में पढ़ाई में आगे बढ़ते जाएंगे वैसे वैसे यह रस्मो रिवाज वह स्वयं ही उनके पढ़े-लिखे बुद्धि जन समाप्त कर लेंगे उस धर्म के आज के पढ़े हुए समझदार लोग अपने समाज को रास्ता दिखाने आगे आएंगे और उनके कट्टरपंथी लोगों से को समझाने में सफल होंगे तभी बकरा ईद के दिन बकरा की बलि की प्रथा बंद हो जाएगी इस आशा के साथ भी लोग बकरा ईद के दिन बारे में चुप्पी साध लेते हैं मेरा सभी से निवेदन है कि मैंने अपनी समझ एवं ज्ञानसे अपने विचारों को व्यक्त किया है यदि किसी को इससे बुरा लगे तो मैं उनसे क्षमा चाहूंगा।

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