घुटनों के दर्द को हमेशा के लिए दूर कैसे करें? जानिए

बढ़ती उम्र में घुटनों में दर्द होना एक आम समस्या है, आमतौर पर घुटनों का दर्द गठिया या आर्थराइटिस बीमारी के कारण ही होता है। शरीर के जोड़ों में सूजन उत्पन्न होने पर गठिया रोग होता है या जोड़ों में उपास्थि (कोमल हड्डी) भंग हो जाती है। शरीर के जोड़ ऐसे स्थल होते हैं जहां दो या दो से अधिक हड्डियाँ एक-दूसरे से मिलती है जैसे कि कूल्हे या घुटने। उपास्थि जोड़ों में गद्दे की तरह होती है जो दबाव से उनकी रक्षा करती है और क्रियाकलाप को सहज बनाती है। जब किसी जोड़ में उपास्थि भंग हो जाती है तो आपकी हड्डियाँ एक-दूसरे के साथ रगड़ खाती हैं, इससे दर्द, सूजन और ऐंठन उत्पन्न होती है और यही घुटनों में दर्द का कारण बन जाता है।

घुटनों का दर्द क्या है?

सबसे सामान्य तरह का गठिया हड्डी का गठिया होता है। इस तरह के गठिया में, लंबे समय से उपयोग में लाए जाने अथवा व्यक्ति की उम्र बढ़ने की स्थिति में जोड़ घिस जाते हैं जोड़ पर चोट लग जाने से भी इस प्रकार का गठिया रोग हो जाता है। हड्डी का गठिया अक्सर घुटनों, कूल्हों और हाथों में होता है। जोड़ों में दर्द और सूजन शुरू होने लगता है। समय-समय पर जोड़ों के आस-पास के ऊतकों या टिशु में तनाव होता है और उससे दर्द बढ़ता है।

घुटनों में दर्द होने के कारण

वात एवं कफ दोष जब अपने चरम स्थिति में होते हैं तब घुटनों एवं जोड़ों में दर्द होता है। घुटनों में दर्द होने के और भी बीमारियों के संकेत होते हैं

-जोड़ों का दर्द

-गाउट

-रूमेटाइड अर्थराइटिस

-बर्साइटिस

-घुटने का अर्थराइटिस

-ऑस्टियोआर्थराइटिस

-ऑस्टियोमायइलिटिस

-टेन्डीनिस

-बेकर्स सिस्ट

-घिसा हुआ कार्टिलेज (उपास्थि) (मेनिस्कस टियर)

-घिसा हुआ लिगमेंट (ए.सी.एल. टियर)

-झटका लगना अथवा मोच

-घुटने की चोट

-श्रोणि विकार (pelvic inflammatory disease)

घुटनों में दर्द के लक्षण

घुटनों या जोड़ों में दर्द होने की समस्या को आप इन लक्षणों से पहचान सकते हैं :

-चलने, खड़े होने, हिलने-डुलने और यहां तक कि आराम करते समय भी दर्द।

-सूजन और क्रेपिटस

-चलते समय जोड़ों का लॉक हो जाना

-जोड़ों का कड़ापन, खासकर सुबह में या यह पूरे दिन रह सकता है।

-मरोड़।

-वेस्टिंग और फेसिकुलेशन

-शरीर में अकड़न।

-घुटनों और जोड़ों में दर्द होना।

–पैर चलाने, हाथों को हिलाने और ज्वाइंट्स हिलाने में काफी तकलीफ और दर्द का सामना करना होता है।

-बाल, चेहरे आदि में रूखापन ।

-सुबह-सुबह जोड़ों में अकड़न व चलने, चौकड़ी मार कर बैठने में परेशानी।

-भारतीय शौचालय में बैठने में परेशानी।

घुटनों के दर्द से बचने के उपाय

घुटनों में दर्द होने से बचने के लिए इन बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है-

–चाय तथा रात के समय हल्का व सुपाच्य आहार लें।

-रात के समय चना, भिंडी, अरबी, आलू, खीरा, मूली, दही, राजमा इत्यादि का सेवन भूलकर भी नहीं करें।

–दही, चावल, ड्राई फ्रूट्स, दाल और पालक बंद कर दें। इनमें प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है।

-रात को सोते समय दूध या दाल का सेवन करना हानिकारक है। इससे शरीर में ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड जमा होने लगता है। छिलके वाली दालों से पूरी तरह परहेज करें।

-नॉन वेज खाने के शौकीन है तो मीट, अंण्डा, मछली का सेवन तुरन्त बंद करें। इसे खाने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है।

-बेकरी फूड जैसे कि पेस्ट्री, केक, पैनकेक, क्रीम बिस्कुट इत्यादि ना खाएं। ट्रांस फैट से भरपूर खाना यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ाता है।

-पानी पीने के नियम भी जरूर फॉलो करना चाहिए। खाना खाते समय पानी न पीएं। पानी, खाने से डेढ़ घण्टे पहले या बाद में ही पीना चाहिए।

-यूरिक एसिड की परेशानी से बचने के लिए सोया मिल्क, जंक फूड, चटपटे खाद्य पदार्थ, ठण्डा पेय, तली-भूनी चीजें न खाएं।

-गठिया के रोगी को अधिक तापमान पर पकी चीजों का सेवन करने से भी बचना चाहिए। माइक्रोवेव या ग्रिलर में बना खाना जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है।

-अधिक मात्रा में मीठी चीजें जैसे- चॉकलेट, केक, सॉफ्ट ड्रिंक और मैदे से बनी चीजों को खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है जो गठिया रोग बढ़ने का कारण बन जाता है।

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