चकमक पत्थर क्या होता है? जानिए इसके बारे में

प्राचीन काल के अंदर आज की तरह तिल्लियां नहीं हुआ करती थी। लोग मांस को पकाने के लिए ‌‌‌अपने पास चकमक पत्थर रखते थे और उसी की मदद से आग जलाते थे । ‌‌‌दोस्तों आज भी कई टूरिस्ट जब चकमक पत्थर वाले स्थानों पर घूमने जाते हैं तो वे चकमक पत्थर की मदद से आग जलाने का अभियास करते हैं। चकमक परिवार के अंदर कई प्रकार के पत्थर आते हैं। जिनमे प्रमुख शामिल हैं क्वार्ट्ज, चर्ट, ओब्सीडियन, अगेट या जैस्पर।

1965 में, ओहियो महासभा ने ओहियो के आधिकारिक रत्न के रूप में चकमक पत्थर को अपनाया। इस रत्न की बड़ी मात्रा राज्य के पूर्वी और मध्य भागों में विशेष रूप से मौजूद है।

चकमक पत्थर क्या है

चकमक पत्थर एक कठोर तलछटी चटान होती है ।यह एक माइक्रोक्रिस्टलाइन क्वार्ट्ज का रूप होता है। जिसको वैज्ञानिक अक्सर चीर के नाम से जानते हैं। यह एक शंकुधारी फ्रैक्चर के साथ टूट जाता है।तलछटी चटानों के अंदर चकमक अक्सर नोड्यूल के रूप मे पैदा होता है।

‌‌‌चकमक पत्थर अक्सर समुद्र के किनारे पाया जाता है। यह कंकड़ के रूप मे मिलता है। प्राचीन काल के अंदर लोग इस प्रकार के पत्थर खोजते रहते थे । और इसके लिए वे व्यापार भी करते थे ।

‌‌‌चकमक पत्थर का प्रयोग उपकरण बनाने मे

दोस्तों चकमक पत्थर की सबसे खास बात तो यह होती है कि जब चकमक पत्थर टूट जाता है तो यह तेज धार के समान होता है। इस वजह से प्राचीन लोगों के इसकी विशेषता को पहचाना और इसका प्रयोग , चाकू ,छूरी , तलवार और ड्रिल , कुल्हाड़ी जैसी मशीने बनाने मे करने लगे । ‌‌‌चकमक पत्थर का प्रयोग मानव लगभग 2 मिलियन साल से करता आ रहा है।

‌‌‌उस समय लोग औजार बनाना भी नहीं जानते थे । लेकिन त्रुटि और अभियास की मदद से मानवों ने औजार बनाना सीख लिया । और काम काज के दौरान यदि पत्थर से बने यह औजार टूट भी जाते थे तो वे अक्सर उनकी मदद से दूसरे छोटे औजार बना लेते थे । ‌‌‌अक्सर जहां पर चकमक पत्थर सहज ही उपलब्ध नहीं होते थे तो वे अन्य जगहों से उनको मंगवाते थे । इसके अलावा लोग चकमक पत्थर को पाने के लिए दूर दूर तक की यात्राएं भी करते थे ।

‌‌‌चकमक पत्थर और उसकी खदाने

पूर्वी उत्तरी अमेंरिका के अंदर चकमक पत्थर के सबसे महत्वपूर्ण ईलाकों के अंदर पूर्वी ओहियों मे फिल्ट रिंज है।यहां पर अमेरिकी लोगों ने खदानों की खोज की और चकमक पत्थर का उत्पादन शूरू किया । ‌‌‌एलिबेटस चकमक खदाने काफी प्रसिद्व हैं और यहां पर 700 से अधिक खदानों को देखा जा सकता है। यहां पर भारी मात्रा के अंदर केवल हाथों से ही खनन हुआ था। ‌‌‌इस पत्थर का प्रयोग दक्षिण पश्चिम उत्तरी अमेरिका के लोगों द्वारा 13 हजार वर्षों से किया जा रहा है। अब इन खदानों को राष्टि्रय म्यूजियम के रूप मे संरक्षित किया गया है।

‌‌‌अमरीकन लोगों ने एक ऐसे स्थान का पता लगाया जहां पर चकमक पत्थर रेत से बाहर निकलते हुए दिखाई दे रहे थे ।उसके बाद उन लोगों ने कुछ फीट नीचे खुदाई की तो उन्हें ‌‌‌उच्च गुणवकता वाले चकमक पत्थर मिले जिनका प्रयोग आसानी से उपकरण बनाने मे किया जा सकता था। ‌‌‌1800 के दशक के अंदर इस क्षेत्र के अंदर बहुत अधिक खनन हुआ था। अब इस क्षेत्र को अलीबेटसफलिंट नेशनल मॉन्यूमेंट के रूप मे संरक्षित किया गया है।

‌‌‌नवपाषाण काल मे चकमक पत्थर

‌‌‌चकमक पत्थर के बारे मे सबसे पहले खुदाई की जानकारी इंग्लैंड के अंदर मिलती है। यह खुदाई 4000 ईसा पूर्व से शुरू हुई और लगभग 2,000 साल बाद तक जारी रही ।एक चकमक पत्थर खदान ग्रिम की ग्रेव्स ब्रैंडन, इंग्लैंड के अंदर स्थिति थी। ‌‌‌मजदूर वर्ग यह जानते थे कि नीचे उच्च गुणवत्ता वाले चकमक पत्थर मिलेंगें और इसके लिए उपर के चाक को हटाने की आवश्यकता है। इस कार्य को करने के लिए पूरी मजूरों की टीम लगी थी। उस समय कोई मशीन वैगरह नहीं थी। सब काम हाथों से ही होता था।

लगभग 2,000 टन चाक को मजदूरों ने हटाया था।

‌‌‌चकमक पत्थर का प्रयोग आग जलाने मे

प्राचीन काल से ही चकमक पत्थर का प्रयोग आग जलाने मे किया जाता है। चकमक पत्थर और स्टील की मदद से आप आसानी से आग जला सकते हैं। आग जलाने वाला गुण होने की वजह से यह आग र्स्टाटर के रूप मे काम करता है। ‌‌‌यदि आपने बच्चों की गाड़ी जिनके अंदर चाबी का सिस्टम यूज किया जाता है उसे खोल कर देगा होगा उसमे चकमक पत्थर होता है। और वो स्टील के संपर्क मे आता है तो चिंनगारी पैदा होता है। इसके अलावा आपको ऑनलाइन ऐसे चकमक पत्थर मिल जाएंगे जिनका उपयोग आप घरों मे आग जलाने के लिए कर सकते हैं।

रत्न के रूप मे चकमक पत्थर का प्रयोग

दोस्तों चकमक पत्थर का प्रयोग एक रत्न के रूप मे भी किया जा सकता है। ‌‌‌अधिकतर लोग चकमक पत्थर को रत्न के रूप मे खरीद लेते हैं।और उसके बाद उनको घरों के अंदर सजावट के लिए भी रख देते हैं। चकमक पत्थर चमकदार पॉलिश को स्वीकार करता है। इस वजह से यह रत्न जैसा दिखता है। ‌‌‌यदि आपने जैस्पर का नाम सुना है तो जैस्पर और चकमक दोनो एक जैसी ही किस्मे हैं। जिनको चैली डोली के नाम से जानते हैं। ‌‌‌चकमक पत्थर का उपयोग गहने बनाने मे भी किया जाता है। इसमे मौजूद छोटी मात्रा मे असुद्वियां इसको कई रंग का रूप देती हैं। जैसे लाल, गुलाबी, हरा, नीला, पीला, ग्रे, सफेद और काला आदि ।

‌‌‌चकमक पत्थर के उपयोग निर्माण कार्य मे

दोस्तों चकमक पत्थर का उपयोग प्राचीन काल के अंदर मकानों की दीवारों को बनाने मे भी किया जाता था। इंग्लैंड और यूरोप के अंदर कुछ पूराने घर ऐसे भी मिले हैं। जिनकी दीवारों को पूरी तरीके से चकमक पत्थर की मदद से बनाया गया है।

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