जानिए आखिर वनस्पति घी को लोग डालडा क्यों बोलते हैं?

इसकी कहानी तब से शुरु हुई जब वनस्पति घी बनाना शुरु हुआ । जब यह अहोध लगा की वनस्पतियों से भी तेल निकाल कर उससे घी बनाया जा सकता हैं तब एक कम्पनी ने इस घी को बनाना शुरु किया । उस समय कम्पनी को इस प्रोडक्ट का नाम क्या रखें यह समस्या ऊत्पन्न हुई। इस समस्या पर उन्होने एक अलग सा उपाय ढुंढ़ा। चूँकि कम्पनी का नाम ही डालडा था तो कम्पनी ने उसी नाम से अपने उस नए प्रोडक्ट को बाजार में उतारा ।

जब बाजार में डालडा कम्पनी का डालडा नाम वाला वनस्पति घी आया तब उस प्रोडक्ट का दुसरा कोई विकल्प नहीं था वो भी कई साल तक उससे प्रतिस्पर्धा करने वाली कोई कम्पनी आगे नहीं आयी । इससे कम्पनी को दो तरह से बेहद फायदा हुआ एक तो प्रोडक्ट एकलौता था दुसरा कम्पनी नाम तथा प्रोडक्ट नाम दोनो एक ही थे इससे लोगों के जबान पर कम्पनी ही प्रोडक्ट हुई और वहीं नाम सबके जेहन में बस गया । लेकिन इस स्मझ के साथ की वनस्पति घी को ही डालडा कहते हैं ।

कालोपरांत कई सारी कम्पनियोंने अपने उत्पाद बाजार में लाये जो अलग अलग नाम से थे । अब पहले से जो नाम किसी को याद रह जाता हैं तो दुसरे सौ तरह के नाम को याद रखने में मुश्किल होती हैं । फिर दुसरी कंपनियों ने अपने ऊत्पादों को सस्ते दामों में बेचना शुरु किया ताकी उनका उत्पाद खरीदा जा सकें । दुकानदारों से भी सांठगांठ की डालडा की जगह उनका उत्पाद बेचा जायें ।

अब बद में दुकानदार कमिशन के लालच चलते दुसरे उत्पाद बेचने लगे किन्तु वो भी डालडा मांगने पर । दुकानदारों का भी मकसद सिर्फ डालडा की जगह दुसरे उत्पाद बेचना ही था ना की डालडा का नाम कम करना । तो लोगों के दिल दिमाग से डालडा का नाम नहिं मिटा पाए । इसतरह से यह नाम लोगों को आइकॉन की तरह दिमाग में फिट हो जाने से हर वनस्पति घी को बाई डिफॉल्ट डालडा पुकारा जाने लगा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *