जाने ई वी एम कैसे काम करता है
जिन लोगो की उम्र १८ साल से ऊपर है वो वोट डाल सकते है। आज कल वोटिंग के पुराने तरीके नहीं रह गए है। वोटिंग जिस इलेक्ट्रॉनिक मशीन के द्वारा होती है। उसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन या ई वी एम कहते है।
सबसे पहले जानते है, ई वी एम (EVM ) को तीन भागो में बांटा गया है। पहला कण्ट्रोल यूनिट (CU) जिससे बैलेट यूनिट कनेक्ट होती है और बैलेट यूनिट भी वी. वी. पैट ( VVPAT ) मशीन से जुडी होती है।
एक ई वी एम में कुल ३८४० वोट ही डाले जा सकते है। बैलेट यूनिट के ऊपर सीरियल नंबर नाम और चुनाव चिन्ह अंकित होता है। और उस पर एक हरी बत्ती जलती है तो इसका मतलब है बैलेट यूनिट रेडी है और कण्ट्रोल यूनिट जो की प्रेसिडिंग अफसर के पास होती है उस पर लाल बत्ती जलती है तो इसका मतलब कण्ट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट भी वोट दर्ज करने के लिए तैयार है।
बैलेट यूनिट की एक विशेषता है इसमें केवल एक टाइम एक ही वोट डाले जा सकते है जैसे ही एक वोट डाला जाता है। उसी वक्त कण्ट्रोल यूनिट की पावर कट ऑफ हो जाती है और बैलेट यूनिट भी बंद हो जाती है। और वी वी पैट पर चुनाव चिन्ह प्रिंट हो जाता है वो भी केवल ७ सेकंड तक सामने डिस्प्लै होता है उसके बाद पेपर अपने आप बैले स्लिप कम्पार्टमेंट में चला जाता है। बैलेट स्लिप कम्पार्टमेंट सील्ड होता है उसे कोई निकाल नहीं सकता है।
ई वी एम और कण्ट्रोल यूनिट
इस ई वी एम को किस भी नेटवर्क या इंटरनेट के द्वारा कनेक्टिवटी नहीं होती है। ये स्टैंडअलोन मशीन होता है जिसकी वजह से इसकी हैकिंग नहीं की जा सकती। ये टैम्पर प्रूफ होता है ईन वी एम मशीन को सुरक्षा में रखा जाता है।
vvpat को voter varifiable papar audit trail है। मतगणना के समय कुछ स्लिप की randomly जाँच होती है यदि एजेंट या कैंडिडेट इसे दुबारा जांच को कहता है तब इस स्लिप की भी गिनती होती है।