टावरों पे लाल लाइट ही क्यों होती है

फेवी – क्विक अपने ही ट्यूब मे क्यों नहीं चिपकती

क्या आपने कभी सोचा है fevi kwik से कोई भी चीज आसानी से चिपक तो जाती है लेकिन fevi kwik जिस ट्यूब में होती है वो आखिर क्यों नहीं चिपकती… तो चलिए आपको बताते हैं क्यों…

इसका साधारण सा जवाब है कि लिक्विड का ऑक्सीजन से संपर्क में ना आने के कारण यह नहीं चिपकती हैं। अर्थात जब ट्यूब को खुला छोड़ दिया जाता है तो यह लिक्विड ट्यूब में चिपक जाती है।

Fevi Kwik और इस तरह के जितने भी लिक्विड होते हैं वो स्पेसिफिक ट्यूब में रखे जाते हैं और इन्हें अच्छे से सील कर दिया जाता है ताकि लिक्विड ऑक्सीजन के संपर्क में ना आए। यही कारण है कि ट्यूब में रखी लिक्विड आपस में नहीं चिपकते है।

पेन की ढक्कन में होल क्यों होता है

क्या आपने कभी सोचा है? पेन की कैप में होल क्यों होता है? तो आपको बताते हैं क्यों.. पेन की कैप में होल इसलिए होता है क्योंकि अक्सर छोटे बच्चें पेन को मुंह मे लगाने लगते है। जिससे कारण कैप गले में जाकर अटक भी सकती हैं। जिसके कारण साँस रुक सकती है। यही कारण है कि पेन की ढक्कन में होल होल होता है ताकि गले में अटकने पर ऑक्सीजन की सप्लाई ना रुके।

टावरों पर हमेशा लाल रंग का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है

आपने अक्सर देखा ही होगा ऊँचे लंबे बिल्डिंग, टीवी टावर, मोबाइल टावर या अन्य किसी भी टावर पर लाल रंग के लाइट को। लाल रंग के लाइट का ही इसलिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि लाल रंग की wavelength ज्यादा होती है जिसके कारण यह रंग दूर से दिखने लगता है। इसलिए लाल रंग के लाइट का इस्तेमाल किया जाता है।

भारत के ट्रेन नीले रंग के ही क्यों होते है

आजकल के ज्यादातर ट्रेन नीले रंग के होते हैं। पर बात यह है कि 1990 के पहले के ट्रेन लाल रंग के होते थे और उस समय के ट्रेन मे Vaccum Breaking System का इस्तेमाल किया जाता था, जो कि एक पुरानी तकनीक की ब्रेकिंग सिस्टम थी। फिर कुछ साल बाद एक नया ब्रेकिंग सिस्टम आ गया जिसका नाम था Air Breaking System जो पिछले ब्रेकिंग सिस्टम से बहुत ज्यादा एडवांस थी।

धीरे-धीरे करके सारे ट्रेन मे नयी वाली ब्रेकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाने लगा। और जब जब एक डिब्बे को दूसरे डिब्बे से जोड़ा जाता था तब कभी-कभी यह पता नहीं लग पाता था कि किसमें कौन सा ब्रेकिंग सिस्टम है और दिक्कतें होती थी तो इसी के कारण नए ब्रेकिंग सिस्टम वाले ट्रेन को नीले रंग का कर दिया गया और पुराने वाले को लाल रंग का।

हालांकि राजधानी और अन्य ट्रेन लाल रंग का है इसका मतलब ये नहीं है कि उसमे पुराने जमाने का ब्रेकिंग सिस्टम है। ये ट्रेन को आकर्षित दिखने के लिए है बस।

और अब ऐसी कोई भी ट्रेन नहीं है जिसमें पुराने जमाने का Vaccum breaking सिस्टम हो।

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