दरवाजे पर नीबू मिर्च के टोटके के पीछे ये है वैज्ञानिक कारण

कभी आपने सोचा है की नीबू मिर्च के टोटके के पीछे वैज्ञानिक कारण क्या है? नीबू मिर्च क्यूँ लगाते हैं? इससे क्या होता है scicence क्या कहता है इस बारे में?

भारत में आपने अक्सर घरों, दुकानों, दफ्तरों और अन्य भवनों के दरवाजे के सामने यहाँ तक की ऑटो-रिक्शा, ट्रक और दुसरे वाहनों में कहीं-न-कहीं नीबू-मिर्च लटकता हुआ जरूर देखा होगा |

आपको यह भी पता होगा की हमारे देश में लोग इसे बुरी नजर से बचने के लिए एक टोटके के रूप में उपयोग करते हैं|

यह एक बहुत ही पुरानी मान्यता है, लोग मानते हैं की अपने संस्थानों और दफ्तरों के बाहर नीबू-मिर्ची लटका कर अपने व्यवसाय को बुरी ताकत और नकारात्मक शक्ति से बचाने तथा शुभ फल प्राप्त करने के लिए यह टोटका बहुत ही कारगर है|

कुछ लोग इसे चमत्कारिक और किसी प्रकार की तांत्रिक उपाय समझते हैं, कुछ इसे एक धार्मिक परम्परा मानते हैं तो वहीँ कुछ लोग इसे केवल एक अन्धविश्वास की तरह भी देखते हैं|

लेकिन आज हम यहाँ किसी टोटके या किसी तांत्रिक उपाय के बारे में बात नही करेंगे, हम इसके पीछे के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को जानने की कोशिश करेंगे |

नीबू मिर्च के टोटके के पीछे क्या है विज्ञान का तर्क ?

यह परम्परा बहुत ही पुरानी है और पढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है| अगर इतिहास में जाकर देखा जाए तो इसके पीछे एक वैज्ञानिक तर्क भी सामने आता है|

पुराने जमाने में कीटनाशक नही होते थे इसलिए वे नीबू-मिर्च टांगकर कीटों को अपने घरों और दफ्तरों से दूर रखते थे |

जैसा की आपको पता होगा की नीबू और मिर्ची में विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और जब इसे धागे में पिरोया जाता है तब धागा उनके रस को अवशोषित कर लेता है और धीरे-धीरे वातावरण में इसकी महक फैला देता है जिससे कीड़े-मकौड़े दूर भाग जाते हैं और साथ ही इसके सुगंध को सूंघना हम इंसानो के लिए स्वास्थ्यवर्धक भी होता है|

धीरे-धीरे बाद में इसने एक परम्परा का रूप ले लिया और आज भी हमारे देश भारत में छोटे-छोटे गावों से लेकर बड़े-बड़े शहरों तक इस परम्परा को निभाया जा रहा है|

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