दांत साफ करने करने हेतु वृक्ष से तोड़ी गई पतली डंडी को क्या कहते हैं? जानिए
दांत साफ करने के लिए कई पेड़ों की पतली डंडी का इस्तेमाल हमारे देश में होता आ रहा है जिसे दातुन कहते है। आज भी कई लोग दातुन का उपयोग करते है।
आयुर्वेद में दातुन के लिए कौन से और किस प्रकार के पौधों का इस्तेमाल करना चाहिए इस का विस्तार से वर्णन किया है।
आज भी नीम, बरगद और अन्य कई पेड़ों की टहनियों का उपयोग पूरे भारत में दातुन के रूप में किया जाता है I
दातुन हमेशा तरोताजा ही होना चाहिए।
कृमिनाशक या जन्तुघ्न (एंटीसेप्टिक), व्रणरोपक (घावों को भरनेवाले) और रक्तशोधक गुणों से युक्त बबूल, करंज, बकुल, गिलोय, नीम, अर्जुन, मेसवाक, असन, करवीर, खैर, गूलर, महुआ, अमरगा आदि पोंधों की साफ टहनियों का और वट(बरगद), आक इन की जड़ का दातुन के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।