दाढ़ी बढ़ाना क्यों जरूरी है?

एक सर्वे में पाया गया है कि एक क्लीन शेव पुरुष की तुलना में दाढ़ी वाले व्यक्ति को अधिक उम्र, अधिक सम्मानित, अधिक ताकतवर और अधिक ऊंचे ओहदे वाला समझते हैं। इस बात का कोई वैज्ञानिक स्पष्टीकरण तो नहीं है लेकिन फिर भी बहुत सारे देशों और संस्कृतियों में सदियों तक दाढ़ी मर्दानगी और ओहदे का प्रतीक रही है।

अब्राहम लिंकन, कन्फ्यूशियस, चार्ल्स डिकेंस और कार्ल मार्क्स सारे लोग दाढ़ी वाले थे और वैज्ञानिक भी यह मानते हैं कि प्रागैतिहासिक काल में दाढ़ी अपने दुश्मनों को डराने, प्रकृति के तत्वों से चेहरे का सुरक्षित रखने और किसी दुर्घटना के समय इसका उपयोग एक गद्दे के तौर पर होता था।

हमारे चारों ओर हवा में प्रदूषक तत्व घूमते रहते हैं, लेकिन दाढ़ी धूल और पराग कणों से रक्षा करती है और इनका नाक पर सीधा हमला रोकती है जिससे नथुनों और फेफड़ों में खुजली नहीं हो पाती है। धूल, पराग कणों को तब तक रोके रखते हैं जबकि आप अपना चेहरा नहीं धोते हैं। बेहतर तो यही होगा कि एलर्जी के कणों को शरीर में जाने से पहले दाढ़ी में ही रोक लिया जाएं। यह आपके शरीर की सर्दी से भी रक्षा करती है।

अगर आप धूप के धब्बों और त्वचा के अंदर बढ़ने वाले बालों से नफरत करते हैं, तब आपको दाढ़ी रखनी चाहिए। दाढ़ी के कारण सूर्य की 95 फीसदी हानिकारक किरणें और कैंसर जैसे रोग से बचा जा सकता है। बढ़ती उम्र के निशानों को भी छिपाया जा सकता है।

एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि महिलाएं उन पुरुषों की ओर अधिक आकर्षित होती हैं जिनकी दाढ़ी ज्यादा बढ़ी होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग दाढ़ी रखते हैं, उन्हें क्लीन शेवन लोगों की तुलना में केवल एक तिहाई धूप को सहन करना पड़ता है। लेकिन जिनकी दाढ़ी बहुत घनी होती है, उनको त्वचा में जलन, मुहांसे और रेजर के इस्तेमाल करने पर पड़ने वाले संक्रमण से फोड़े, फुंसी नहीं होती हैं।

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