दुनिया की सबसे बड़ी महामारियाँ, जिनकी वजह से करोड़ो लोग मर गए

द ब्लैक डेथ (1346-1353), मौतें : 7.5 करोड़ से 20 करोड़

1346 से 1353 की अवधि के अंदर यूरोप में प्लेग की महामारी फैली। प्लेग महामारी के कारण अफ्रीका और एशिया में करोड़ों लोग मारे गए। अनुमान है कि इस महामारी से 7.5 करोड़ से 20 करोड़ लोग मारे गए। इसकी शुरुआत एशिया से हुई, ऐसा माना जाता है। प्लेग चूहों से फैलता है और फिर कीड़ों के जरिए मनुष्य इससे संक्रमित होता है। यह समुद्री जहाजों के जरिए पूरी दुनिया तक पहुंचा। इसका मुख्य वाहक जलपोत बने, जहां चूहों का पनपना आम बात है।

फ्ल्यू (1918 ), मौतें : 2 से 5 करोड़

1918 से 1920 की अवधि में इस जानलेवा इंफ्लूंजा ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया। दुनिया की आबादी का एक-तिहाई हिस्सा इसका शिकार बना और करीब 20 से 50 करोड़ लोगों की जान गई। इस बीमारी से 50 करोड़ लोग प्रभावित हुए और मरने वालों का आंकड़ा 10 से 20 फीसदी के बीच रहा।

इस बीमारी से पहले सप्ताह में ही 2.5 करोड़ लोग मारे गए। इस इंफ्लूंजा की ख़ास बात यह थी कि यह अधिकतर स्वस्थ य़ुवाओं की जान लेता था और जो बच जाते थे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटा देता था। सामान्यत: इंफ्लूएंजा से उम्रदराज लोगों अधिक प्रभावित होते हैं।

एच आईवी एड्स (1976 – 2020), मौतें: 3.6 करोड़

सन 1976 में एचआईवी(ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) यानि एड्स (एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम) की शुरुआत अफ्रीकी देश कॉन्गो से हुई थी। बाद में यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया। साल 1976 के बाद एड्स के कारण 3.6 करोड़ लोग इसका शिकार हो गए। वर्तमान में लगभग 3.1 से 3.5 करोड़ लोग एचआईवी से संक्रमित हैं। एचआइवी से संक्रमित अधिकतर लोग अफ्रीकी देशों में हैं। 2005 से 2012 की अवधि में एचआइवी का इसका प्रभाव सबसे ज्यादा रहा । इसके बाद प्रतिवर्ष मृत्यु का आंकड़ा 22 लाख से 16 लाख प्रति वर्ष तक कम हुआ है। इसका इलाज अभी तक नहीं खोजा जा सका है।

हांगकांग फ्लू , मौतें: 10 लाख

इस दूसरी श्रेणी की फ्लू महामारी को हांगकांग फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। इसका महामारी का कारण H3N2 कीटाणु है जो इंफ्लूएंजा महामारी पैदा करने वाले H2N2 वायरस की एक प्रजाति है। हांगकांग फ्ल्यू माहामारी का पहला मामला 13 जुलाई सन 1968 में हांगकांग में आया था और मात्र 17 दिनों के अंदर ही यह बीमारी सिंगापुर और वियतनाम तक फ़ैल गई। इसके बाद केवल तीन महीने के अंदर ही यह बीमारी फिलिपींस, भारत, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अमेरिका में भी फैली और कई लोग इस बीमारी का शिकार हो गए। इस बीमारी के शिकार होने वाले सिर्फ 5 फीसदी लोगों की मौत होती थी, मगर इसने तब हांगकांग के 5 लाख लोगों यानि उसकी तत्कालीन 15 फीसदी आबादी को मौत की नींद सुला दिया था।

हैजा (1910-2020), मौतें : 8 लाख से अधिक

हैजा के कारण फैली हैजा महामारी की शुरुआत भारत से हुई और इस बीमारी ने करीब 8 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली। हैजा बीमारी की चपेट में मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, पूर्वी यूरोप और रूस भी आ गए थे। अमेरिका स्वास्थ विभाग इस महामारी के प्रति जल्दी एक्टिव हुए और वर्ष 1923 तक सिर्फ 11 अमेरिकियों की जान इस बीमारी की वजह से चली गई।

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