दुर्वासा ऋषि के दिए हुये प्रमुख श्राप क्या हैं?
इंद्र को श्राप- एक बार दुर्वासा ऋषि कहीं जा रहे थे तभी सामने से देवराज इंद्र ऐरावत पर सवार होकर आ रहे थे। दुर्वासा ऋषि के पास एक पारिजात का माला था ऋषि ने वह माला इंद्र को दे दिया। इंद्र ने ऋषि द्वारा दिए गए माला को ऐरावत के मस्तक पर रख दिया तब ऐरावत हाथी ने वह पुष्प की माला को नीचे फेंक दिया। इस प्रकार ऋषि दुर्वासा कुपित होकर इंद्र को श्री विहीन और राज्य नष्ट हो जाने का श्राप दे देते हैं।
अंबरिष को श्राप- इक्ष्वाकु वंश में भगवान विष्णु के परम भक्त राजा अंबरिष हुए, उन्होंने एक बार एकादशी व्रत के समापन पर दुर्वासा ऋषि को भोजन पर आमंत्रित किया लेकिन दुर्वासा ऋषि के विलंब करने पर राजा ने वशिष्ठ मुनि के कहने पर व्रत समाप्त कर दिया, इस बात को दुर्वासा ऋषि ने अपना अपमान समझ कर राजा को शाप दे दिया।
शकुंतला को शाप- शकुन्तला अपने पति राजा दुष्यंत के याद में खोई हुई थी तभी दुर्वासा मुनि वहाँ पहुँच जाते हैं। शकुन्तला मुनि के तरफ ध्यान नहीं देती इसपर दुर्वासा कुपित होकर शाप देते हैं कि तू जिसकी याद में खोई है वह तूझे भूल जायेगा।
यदुकुल को शाप- एक बार यदुकुल के बच्चे ऋषि दुर्वासा से मजाक करते हैं इस बात पर वे कुपित होकर यादवों को आपस में लड़कर नष्ट हो जाने का श्राप दे देते हैं।