धन तेरस पर क्यों होता है हाथी का पूजन जानिए
धन तेरस पर पर हाथी की पूजा करने का भी विधान है। कथा आती है कि एक राजा की दो रानियां थीं। बड़ी रानी के अनेक पुत्र थे, लेकिन छोटी रानी को एक ही पुत्र था। एक दिन बड़ी रानी ने मिट्टी का हाथी बनाकर पूजन किया, पर छोटी रानी पूजन से वंचित हो गई।
इससे वह उदास हो गई। उसके पुत्र से अपनी माता का दु:ख देखा नहीं गया।
वह इंद्र से ऐरावत हाथी ले आया। उसने माता से कहा कि तुम इसकी पूजा करो। रानी ने उसकी पूजा की, बाद में उसका पुत्र बहुत यशस्वी हुआ। तभी से इस दिन सजे-धजे सोने, चांदी, तांबे, पीतल, कांसे या मिट्टी के हाथी को पूजने की परंपरा आरंभ हुई।