पिछले जन्म में हम कौन थे, यह कैसे जानेंगे?

पूर्व जन्म का स्मरण करने की एक विधि है जिसे “जाति स्मरण विधि” कहा जाता है, इसमें ध्यान द्वारा दिमाग को शांत कर एक अभ्यास रोज दोहराया जाता है जिसमें पहले आप दिन भर आपके साथ जो हुआ उसे ध्यान से याद करते हैं एक निश्चित क्रम में, फिर कुछ माह बाद जीवन में पीछे जाते हैं अपने बचपन में धीरे धीरे आपमें वह क्षमता विकसित हो जाती है.

जिससे आप शिशु अवस्था, गर्भावस्था और पूर्वजन्म के बारे में स्मरण कर सकते हैं, पर ये अनुभव कई बार झकझोर देने वाले और दुखदायी हो सकते हैं, इसलिए पहले मस्तिष्क को ध्यान द्वारा शांत किया जाना आवश्यक है।

आप पहले से जानते हो कि आप किस जन्म में कौन थे बस आपकी वह जानी हुई बात आपको दिख नहीं रही है आपके ही दिमाग के विचारों की उथल पुथल की वजह से, जैसे आप अवचेतन के द्वारा एक सपना देखते हो और जागने पर वह आपको याद नहीं आता, आप वास्तव में उसे भूलते नहीं हो बस वह अवचेतन में होने की वजह से सचेतन की हलचल के नीचे दब जाता है।

तो पिछले जन्म की बातों का स्मरण करने के लिए आवश्यक है कि दिमाग की उथल पुथल, विचारों के कोलाहल को शांत किया जाये, दिमाग को केंद्रित किया जाये तो आपको सब याद आ जायेगा। वैसे प्रारम्भ में इन सब बातों में पड़ना नहीं चाहिए, अभी जो जन्म हमारे पास है उसे सार्थक बनाने का प्रयास करना चाहिए।

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