प्रधानमंत्री मोदी हर बार लाल किले में तिरंगे को अलग-अलग प्रकार से सलामी क्यों देते आये हैं? जानिए
आपने यदि ध्यान से देखा हो तो पाएंगे कि प्रधानमंत्री मोदी हर साल लाल किले में अलग-अलग तरीके से तिरंगे को सलामी देते आये हैं।
इसका संबंध तीनो सेनाओं से है। भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के अलग-अलग प्रकार के काम हैं और इसीलिए इन तीनो सेनाओं के सलामी के तरीके भी अलग हैं। यह देखिये-
एक-एक कर समझिये
भारतीय सेना-
भारतीय सेना के जवान और अधिकारी अपना पूरा हाथ दिखाकर, अपनी हथेली खोलकर सलामी देते हैं।
भारतीय नौसेना-
पुराने ज़माने में जहाज़ में काम करने से हाथ गंदे हो जाते थे। इसीलिए नौसेना के जवान और अधिकारी ऐसे सलामी देते हैं ताकि उनकी हथेली दिखाई न दे।
भारतीय वायुसेना-
पहले वायुसेना की सलामी भारतीय सेना जैसी ही होती थी। 2006 में वायुसेना ने अपनी सलामी में बदलाव किया। अब इस सलामी में ज़मीन और उनके हाथ के बीच 45 डिग्री एंगल होता है। यह आसमान की ओर वायुसेना के बढ़ते क़दमों को दर्शाता है।
यह थे तीनों भारतीय सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किये गए अलग-अलग प्रकार के सल्यूट।
प्रधानमंत्री मोदी हर साल इन्हें मेसे बदल-बदलकर कोई सल्यूट करते हैं। इस बार प्रधानमंत्री ने जिस सल्यूट का इस्तेमाल किया वह भारतीय नौसेना यानी इंडियन नेवी का सल्यूट था।