बुद्धिमान पंडित और लड़का, बुरी आदत
एक बार एक धनि आदमी अपने बच्चे को लेकर एक बुद्धिमान पंडित के पास गया और उनसे विनती करके बोला की मेरे बेटे की बुरी आदतों को छुड़ा दो. उस बुद्धिमान पंडित ने उस लड़के को अपने पास बुलाया और उसे एक बगीचे में लेकर चले गये. थोड़ी देर बगीचे में घुमने के बाद पंडित ने अचानक उस लड़के को बोला, ” चलो, यह जो छोटा सा पौधा है इसे तोड़ कर दिखाओ.
उस लड़के ने पौधे को अपने अंगूठे और उँगलियों के दम पर तोड़ दिया. बुद्धिमान पंडित उस लड़के को थोड़े बड़े पौधे के पास लेकर गये और बोले की अब इसे तोड़ो. उस लड़के ने थोड़ी और ताकत लगाकर उसे भी तोड़ दिया. ऐसे ही पंडित जी के कहने पर एक दुसरे बड़े पौधे को उस लड़के ने अपने दोनों हाथो की ताकत से मिलकर तोड़ दिया.
इसके बाद बुद्धिमान पंडित उसे एक अमरुद के पेड़ के पास ले गये और उससे बोले, ” चलो, अब इस अमरुद के पेड़ को तोड़ कर दिखाओ. वह लड़का पंडित की बात मानकर पेड़ को तोड़ने की कोशिश करने लगा. उसने अपनी सारी ताकत लगा दी पर उस पेड़ को हिला भी नहीं पा रहा था.
इलाज
एक राजा मोटापा बढ़ने की वजह से बीमार पड़ गया। डॉक्टरों ने उसे सलाह दी कि वह खाना कम कर दे तो मोटापा घट सकता है। डॉक्टरों की इस सलाह से राजा गुस्सा हो गया।
राजा ने ऐलान किया की जो भी उसका अच्छा इलाज करेगा, उसे बड़ा इनाम दिया जाएगा। लेकिन इसमें एक शर्त थी। जो भी इस कार्य में सफल न रहेगा, उसका सिर कलम कर दिया जाएगा।
ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि राजा का जीवन अब एक महीने का और बचा है। यह जानकर राजा डर गया और परेशान रहने लगा।
जिस ज्योतिषी ने यह भविष्यवाणी की थी, उसे महीने भर के लिए जेल में डाल दिया गया, ताकि यह देखा जा सके कि उसकी भविष्यवाणी में कितना दम है।
राजा बहुत डरा हुआ था। उसने खाना पीना भी बहुत कम कर दिया और महीने भर के भीतर ही उसका वजन काफी गिर गया। इसके बाद राजा ने जेल से ज्योतिषी को बुलाया और कहा, “आप क्यों नहीं मुझे तुम्हारा सिर कलम कर देना चाहिए”।
इस पर ज्योतिषी बोली कि “अपने को शीशे में देखिए कि आप अब कितने स्वस्थ हो गए हैं”। अपने को स्वस्थ और दुबला काया देखकर राजा का आश्चर्य का कोई ठिकाना न रहा।
तब ज्योतिषी ने राजा से कहा कि असल डॉक्टर तो मैं ही था। मौत के बहाने मैंने आपको डरा दिया था, ताकि आप खाना कम कर दे और स्वस्थ हो जाए।ज्योतिषी की यह बात सुनकर राजा बहुत ही खुश हुआ और उसे इनाम दिया। साथ ही वादा किया कि वह अब कभी भी खाने-पीने में अति नहीं करेगा।