बैठे-बैठे पैरों को हिलाना क्यों ख़राब माना जाता है?

आपने कई बार देखा होगा कि बहुत से लोग बैठे-बैठे पैरों को हिलाते रहते हैं। हो सकता है यह आदत आपको भी हो। बड़े बुजुर्गो से ऐसा नहीं करने की भी सलाह दी जाती है।

ज्यादातर बुजुर्गों का मानना है कि कुर्सी या बिस्तर पर बैठे-बैठे पैर हिलाना नुकसानकारी है। यह बात सामान्य है, लेकिन इसके पीछे धार्मिक कारण भी है। व्यक्ति का स्वभाव और उसकी आदत का बुरा प्रभाव खुद के भाग्य पर भी पड़ता है।

शास्त्रों में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति पूजन, धर्म-कर्म अथवा अन्य किसी धार्मिक कार्य में लगा है, उसे पैर नहीं हिलाना चाहिए। ऐसा करने से पूजन का पुण्य फल नहीं मिलता।

यह भी माना जाता है कि शाम के समय पैर हिलाने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है जिससे कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि लक्ष्मी मां को धन की देवी माना जाता है इसलिए उनके नाराज होने से धन संबंधी सभी तरह के कार्यो में बाधा उत्पन्न होने लगती है।

धार्मिक ही नहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बैठे-बैठे पैरों का हिलाना अच्छा नहीं माना गया है। इससे शरीर के जोड़ो के दर्द और दिल से संबंधित कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इससे पैरों की नसों पर भी विपरित प्रभाव देखने को मिलता है जिससे पैरों में दर्द की भी समस्या हो सकती है।

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