भगवान शिव ऐसा कौन सा मंत्र है जिसे पढ़ने से तुरंत चमत्कार होता है?
भगवान शिव तो भोलेनाथ हैं। भक्तों की निश्छल भक्ति से वे शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। कोई भी भक्त उन्हें सहज ही प्रसन्न कर, उनकी कृपा और आशीर्वाद का पात्र बन सकता है।
- शिव पंचाक्षरी मंत्र – ‘ॐ नमः शिवाय।’
अर्थ – ‘मैं भगवान शिव को नमन करता हूँ।’
यह शिव मंत्रों में सबसे प्रसिद्ध ‘मंत्र’ है। शिवपुराण में ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र को सारे कष्टों को दूर करने वाला मंत्र बताया गया है।
भगवान शिव जब अग्रि स्तंभ के रुप में प्रकट हुए तब उनके पांच मुख थे। जो पांच तत्वों पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि तथा वायु के रूप थे।
सर्वप्रथम जिस शब्द की उत्पत्ति हुई वह शब्द ‘ॐ’ था ।
शेष पांच शब्दों ‘ नम: शिवाय’ की उत्पत्ति उनके पांच मुखों से हुई, जिसे सृष्टि का सबसे पहला मंत्र माना जाता है। यह ‘महामंत्र’ है।
इस मंत्र के जाप से सभी मनोरथों की सिद्धि होती है। भोग और मोक्ष दोनों को देने वाला यह ‘मंत्र’ , जपने वाले की समस्त व्याधियों को भी शांत कर देता है।
वेदों के अनुसार शिव अर्थात् सृष्टि के सृजनकर्ता को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप ही पर्याप्त है। भगवान शिव इस मंत्र से शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं।
इस मंत्र के जप से दुखों – कष्टों का निवारण होता है और महादेव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
स्कन्दपुराण में कहा गया है कि ॐ नमः शिवाय महामंत्र जिसके मन में वास करता है,उसके लिए बहुत से मंत्र, तीर्थ, तप व यज्ञों की क्या जरूरत है। यह मंत्र मोक्ष प्रदाता है,पापों का नाश करता है और साधक को लौकिक,परलौकिक सुख देने वाला है। ||ॐ||