भारतीय रेल की पटरियों की क्या कीमत होती है?

रेलवे में अगर सिंगल लाइन का कार्य किया जाये, यानी सिर्फ एक दिशा में जाने के लिए अगर पटरी बिछाई जाए तो उसका खर्चा करीब 15 करोड़ प्रति किलोमीटर का लगता है।

अगर डबल लाइन की बात की जाए तो उसका खर्चा करीब 35 करोड़ का आता है। साथ ही इसमें मैनपावर का भी खर्चा जोड़ा जाता है।

हालांकि अब तो ऐसी मशीन्स आ गयी हैं, जो १०किलोमेटेर से ज़्यादा ट्रैक एक ही दिन में बिछा देती है। कर्मचारियों को इसे बस ऑपरेट करना होता है।ऐसा करने से कार्य जल्दी और सटीक हो पता है।

आईआर नेटवर्क 121,407 किमी (75,439 मील) ट्रैक की लंबाई फैलाता है, जबकि मार्ग की लंबाई 67,368 किमी (41,861 मील) है। ट्रेक सेक्शन 80 से 200 किमी / एच (50 से 124 मील प्रति घंटे) तक की गति के लिए रेट किया जाता है, हालांकि अधिकतम गति यात्री गाड़ियों द्वारा प्राप्त 180 किमी / घंटा (110 मील प्रति घंटे) है। मार्च 2017 तक, अधिकांश ब्रॉड-गेज नेटवर्क लंबे वेल्डेड रेल, तनावग्रस्त कंक्रीट (पीएससी) स्लीपर और उच्च तन्यता ताकत 52 किलो / 60 किलो 90 यूटीएस रेल से लैस है।

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