भारत में पाये जाने वाले तीन अनोखे पौधे एक को लोग बोलते है ,शरमाने वाले पौधे

अब तक लगभग 4 लाख वनस्पतियों की खोज की जा चुकी है और इस संबंध में और भी वनस्पतियों की खोज अब भी जारी है।भारत में पौधों की कुल लगभग 30000 प्रजातियां पायी जाती है जिनमें से कुछ प्रजातियां बहुत ही विशिष्ट और अनोखे हैं।इन अनोखे पौधों में तीन अनोखे पौधों के बारे में जानकारी कुछ इस प्रकार हैं:

प्रकाश फैलाने वाला पौधा – सोम औषधि:

भारत में हिमालय की आसपास के क्षेत्रों में कुछ ऐसे पौधे पाए जाते हैं जो कि रात्रि में रेडियम की तरह चमकते हैं। सोम औषधि में चांदनी से पूर्णिमा तक 15 पत्ते प्रकट होते हैं तथा आमावस्या तक सभी पत्ते गिर जाते हैं।यह दिन में यह सामान्य पौधे की तरह दिखता है जो कि रात्रि होते ही चमकना शुरू कर देता है।

जलाने वाले पौधे – काला कोरैया:

भारत में छोटा नागपुर के पास एक ऐसी पादप प्रजाति पाई जाती है जिसकी छाया के कारण वहां तल की सभी घास जल जाती है। यह जलाने वाला पौधा काला कोरैया कहलाता है। यह पेड़ एक आम पेड़ की ही तरह दिखाई देता है परंतु इस पेड़ की छाया जहां तक जाती हैं उतनी दूर तक की घास जल जाती है और वहां की मिट्टी काली पड़ जाती है ।

शरमाने वाले पौधे – लाजवंती :

मनुष्यो के शरमाने वाले गुणों से तो सभी परिचित है परंतु मनुष्य के अलावा कुछ पौधे भी शरमाने का भावुक गुण रखते है। इन पौधों को भारत में लाजवंती के नाम से जाना जाता है ।यह पौधे किसी जीव के स्पर्श मात्र से अपनी पत्तियां सिकोड़ लेती है इसलिए इसे छुई मुई भी कहा जाता है।इसके पत्तियों में संवेदना के प्रति तीव्र व्यवहार होता है जिस कारण यह पौधा पत्तियों को मोड़कर सिकुड़ जाता हैं ।

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