भारत में 5G आया तो क्या नुकसान होगा? जानिए
ये टेक्नोलॉजी काफी महंगी होने वाली है। इसके लिए नेटवर्क ऑपरेटर्स को मौजूदा सिस्टम हटाना पड़ेगा, क्योंकि इसके लिए 3.5Ghz से अधिक फ्रीक्वेंसी की जरूरत होती है।5G टेक्नोलॉजी के महंगा होने के कारण आम इंसान इसे नही प्रयोग कर पायेगा, एक तो इसके प्रयोग के लिए आपके पास 5G युक्त मोबाइल होना चाहिए, जो कि फिलहाल काफी महंगे हैं।
Sub-6 Ghz स्पेक्ट्रम की बैंडविड्थ भी लिमिटेड है, इसलिए इसकी स्पीड mm-wave की तुलना में कम हो सकती है।5G टेक्नोलॉजी में प्रयुक्त मिलीमीटर-वेव कम दूरियों में ज्यादा प्रभावी होता है, और यह बाधाओं में काम नहीं कर सकता है। इसकी Frequency पेड़ों के द्वारा और बारिश के दौरान Absorb भी हो सकती है,
इसका मतलब है, कि 5G को ठोस तरीके से लागू करने के लिए नेटवर्क ऑपरेटर को काफी ज्यादा हार्डवेयर लगाने की जरूरत होगी।5G नेटवर्क के बारे में प्रकृति के खिलाफ काफी चिंताजनक बात बताई है। 5G नेटवर्क से कई किलोमीटर के दायरे तक वेब का जाल बनता है, जिससे पक्षियों और दूसरे जीवों पर बहुत बुरे प्रभाव पड़ते हैं।