महाराणा प्रताप के शास्त्रों का वजन क्या था ? जानिए

महाराणा प्रताप एक ऐसा नाम जो स्वतंत्रता की लड़ाई के सबसे बड़े सिरमौर है। जिन्होंने जान देना , गरीबी में रहना स्वीकार था पर अकबर जैसे विदेशी आक्रमणकारियों की दासता स्वीकार नहीं थी। चलिए जानते है कि महाराणा के शस्त्रों का वजन कितना था।

किवदंती है 80 किलो का भाला

क्योंकि दुनिया के युद्ध इतिहास में ऐसे किसी शस्त्र का कोई अस्तित्व नहीं है जिसे हाथों से संचालित किया जाता हो और वह इंसानी शरीर के वजन के बराबर अथवा उससे कम हो। युद्ध विज्ञान के मुताबिक जिन शस्त्रों को घुमाकर संचालित किया जाता हो, वे योद्धा के वजन के दसवें हिस्से के बराबर हों तो ही बेहद फुर्ती के साथ उनका संचालन किया जा सकता है। तलवार और भाला ऐसे ही शस्त्रों में शामिल है।

अब तक सैंकड़ो बार महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलो होने की किवदंती सुनने के बाद आपके मन में सवाल घुमड़ रहा होगा कि आप इस नए तथ्य पर कैसे यकीन कर लें तो मैं आपको बताता हूं कि महाराणा प्रताप के भाले और उनके जिरह बख्तर सम्बंधी यह सच स्वयं उनके वंशज लक्ष्यराज सिंह मेवाड ने इंग्लैंड के गैलेक्सी आफ द स्टार्स लाइव शो में बताया है।

युद्ध में काम ही नहीं करता इतना वजनी शस्त्र

महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह से महाराणा प्रताप की 480वीं जयंती पर आयोजित इस शो में मैनचेस्टर निवासी नरेश नरुका प्रश्न पूछा था कि क्या उन्होंने महाराणा प्रताप के 80 किलो के भाले को उठाकर देखा है? जवाब में लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि यह किवदंती है कि महाराणा प्रताप का भाला 80 किलो का था। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के भारी—भरकम व्यक्तित्व को देखते हुए कालांतर में उनके प्रशंसकों ने उनके भाले और जिरह बख्तर के वजन के सम्बंध में इस तरह की बातों को आगे बढ़ जाने दिया,जबकि वास्तव में ये शस्त्र इतने वजनी होने पर युद्ध क्षेत्र में काम ही नहीं आ सकते!

पानी भरता है आज का इस्पात

लक्ष्यराज सिंह ने महाराणा प्रताप के वजन सम्बंधी सवालों का भी यही उत्तर दिया। लक्ष्यराज सिंह ने एकदम सही कहा है। हल्दी घाटी में महाराणा प्रताप के संग्रहालय हल्दीघाटी कॉम्पलेक्स जाकर आप उनके भाले और जिरह बख्तर के वजन को तौल सकते हैं।

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