मीन लग्न में प्रथम भाव में राहु का क्या प्रभाव होता है?

● राहू को ज्योतिष शास्त्र मे छाया ग्रह की संज्ञा दी गयी है जिस भाव मे जिस राशि में विद्यमान है उसके भावेश या राशि पति के अनुसार फल प्रदान करते हैं अतः कुंडली में विशेष रूप से गुरु की स्थिति परिस्थिति विचारणीय रहेगी गुरु बली अवस्था में होने पर राहू के प्रभाव में सकारात्मक वृद्धि होगी कुंडली मे गुरु कमजोर या निर्बली होने पर प्रभाव में कमी रहेगी।

● लग्न भाव में राहु की स्थिति से जातक की नेतृत्व क्षमता उत्तम रहेगी, एवं महत्वाकांक्षी रहेगा शारीरिक सौदर्य एवं स्वास्थ्य मे कमी रहेगी परन्तु वह विशेष युक्तियो द्वारा सम्मान तथा प्रभाव को प्राप्त करने वाला रहेगा , मन के भीतर कुछ कमी का अनुभव होंने पर भी वह गुप्त युक्तियो ,चातुर्यता तथा बुद्धि- बल से अपनी उन्नति के लिए प्रयत्नशील बना रहता है तथा अंत में अपनी सभी कठिनाइयों पर विजय भी प्राप्त कर लेता है और जीवन को उन्नत तथा प्रभावशाली बनाने मे सफल रहता है ।

● कुंडली में राहू का अंशबल अन्य ग्रहों की युति द्रष्टि नवांश में स्थिति फल प्रदान करने की क्षमता को प्रभावित करेगी पर विचार करना आवश्यक रहेगा साथ कुंडली विशेष में बनने वाली ग्रहों की परिस्थितियों से फल स्वाभाविक रूप से प्रभावित रहेगा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *