मुगल बादशाह अकबर कितने अमीर थे ?
जलाल-उद्दीन मोहम्मद अकबर ने भारत पर 1556 ई से लेकर 1605 तक शासन किया था। अकबर के दौर में भारत वाकई सोने की चिड़िया थी।
दुनिया के कुल उत्पादन का एक चौथाई माल भारत में तैयार होता था. इसी वजह से इस मुल्क को सोने की चिड़िया कहा जाता था. तब दिल्ली की तख़्त पर मुग़ल बादशाह जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर की हुकूमत थी। अकबर के मनसबदार आज से 400 साल पहले 40,000 रुपए प्रतिमाह वेतन लेते थे जबकि उस समय 1 रुपए में 40 किलो गेहूं मिलता था। वैसे बता दें गेहूं तब लक्जरी चीजों में से एक था।
उस दौर में संपत्ति के मामले में केवल चीन का मिंग राजवंश ही बादशाह अकबर की बराबरी कर सकता था. इस तरह हम कह सकते हैं कि अकबर दुनिया के दौलतमंद बादशाहों में से एक थे।
ख़ाफ़ी ख़ान निज़ामुल-मुल्क की किताब ‘मुंतख़बुल-बाब’ के अनुसार, अकबर ने पाँच हज़ार हाथी,
बारह हज़ार घोड़े,
एक हज़ार चीते,
दस करोड़ रुपये,
बड़ी अशर्फ़ियों में सौ तोले से लेकर पाँच सौ तोले तक की हज़ार अशर्फ़ियाँ,
दो सौ बहत्तर मन कच्चा सोना,
तीन सौ सत्तर मन चाँदी,
एक मन जवाहरात जिसकी क़मीत तीन करोड़ रुपये थी, अपने पीछे छोड़ा था, जिसका वारिस उसकी संतान जहांगीर था।