ये हैं दुनिया के 5 सबसे ख़तरनाक हथियार, जिनका इस्तेमाल करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है

टेक्नोलॉजी के इस दौर में दुनिया के हर देश को अपनी सुरक्षा के लिए कई तरह के हथियारों की ज़रूरत होती है. दुश्मन को मार गिराने के लिए फ़ाइटर जेट से लेकर लेटेस्ट बंदूकें, तोप, मिसाइल आदि की ज़रूरत पड़ती है. युद्ध नीति के तहत आप किसी भी दुश्मन देश पर इन हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं सिवाय परमाणु हमले के. लेकिन दुनिया में कई ऐसे भयानक और विध्वंसक हथियार भी रहे हैं जिन्हें आज के दौर में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

पेश हैं दुनिया के वो 5 हथियार जिन्हें अब पूरी तरह से बैन कर दिया गया है-

1- Expanding Bulletes

किसी भी बंदूक की गोली जो टारगेट को हिट करने के बाद ब्लास्ट करती है या फैलती है उसे ‘एक्सपेंडिंग बुलेट्स’ कहा जाता है. ‘एक्सपेंडिंग बुलेट्स’ के टारगेट से टकराने के बाद इसमें एक छोटा सा विस्फोट होता है जिससे नुकसान आम बुलेट के मुक़ाबले कई गुना ज़्यादा होता है. अंग्रेज़ों ने 1889 में इस बुलेट का आविष्कार भारत में ही किया था. इसके बाद 1899 में इसे बैन कर दिया गया.

2- Blinding Laser Beams

युद्ध के दौरान वैसे तो कई प्रकार के ‘लेजर बीम’ का इस्तेमाल में किया जाता है, लेकिन ‘ब्लाइंडिंग लेजर बीम’ का इस्तेमाल प्रतिबंधित है. कई दशक पहले युद्ध के दौरान इसका इस्तेमाल दुश्मन को अंधा बनाने में किया गया था. ज़रा सोचिए अगर युद्ध के दौरान दुश्मन को अंधा किया गया तो वो लड़ने के काबिल भी नहीं रहेगा. इसी भयावह परिणाम को देखते हुए ऐसे लेजर बीम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है.

3- Piastic Landmines

भारत में अक्सर लैंडमाइन का इस्तेमाल नक्सल प्रभावित इलाक़ों में किया जाता है. लेकिन ‘प्लास्टिक लैंडमाइन’ इससे थोड़ा अलग है. इसमें भारी बिस्फ़ोटक से भरे एक छोटे से डिब्बे को ज़मीन में गाढ़ दिया जाता है. इस पर हल्का ज़ोर देने भर से ही ये ज़ोरदार धमाका करता है. मेटल डिटेक्टर के इस्तेमाल से लैंडमाइन ढूंढना तो आसान है, लेकिन ‘प्लास्टिक लैंडमाइन’ को ढूंढना बेहद मुश्किल. सन 1970 में हुए एक समझौते के तहत युद्ध के दौरान उन सभी हथियारों के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया, जिन्हें एक्सरे में देखा ना जा सके.

4- Poison Bulletes

‘पॉइजन बुलेट्स’ की शुरुआत 17वीं सदी में हुई थी. असल में इन बुलेट्स पर किसी भी तरीक़े का ज़हर नहीं लगाया जाता है. बस गोलियों को कई दिन या महीने तक धूल खाने के लिए छोड़ दिया जाता है. इससे इन बुलेट्स पर कई तरह के बैक्टीरिया जैम जाते हैं. जब दुश्मन पर इसका इस्तेमाल किया जाता है तब वो या तो उसी समय मर जाता है या फिर बैक्टीरिया से फैली बीमारी की वजह से एक-दो दिन बाद मर जाता है. सन 1675 में इन्हें बैन कर दिया गया.

5- Bat Bombs

‘बैट बॉम्ब’ का ये ख़तरनाक आइडिया सन 1940 में ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ के दौरान एक अमेरिकन डेंटिस्ट ने दिया था. जब डेंटिस्ट ने मैक्सिकन फ्रीटल चमगादड़ की ऊंची उड़ने और दूर-दूर तक सफर करके वजन ले जाने की काबिलियत देखी तो उसने ‘प्रोजेक्ट एक्स-रे’ की शुरुआत की. हालांकि, अब इस पर पूरी तरह बैन है.

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