राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण के प्रेम से जुड़े रहस्य
शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि श्री कृष्ण की 16108 रानियां थी। परंतु राधा रानी के विवाह ना होने के बावजूद हर मंदिर में राधा कृष्ण की ही मूर्तियां मिलेंगी। भगवान श्री कृष्ण की अपनी किसी भी पत्नी के साथ प्रतिमा किसी भी मंदिर में शायद ही देखने को मिले।
जब भी कोई राधा और कृष्ण के नाम का उच्चारण करता है तो राधा का नाम सदैव पहले ही आता है। भगवान श्री कृष्ण ने अपनी इस लीला से यह सिद्ध किया कीराधारानी प्रेम से ऊपर भगवान श्रीकृष्ण स्वयं भी नहीं है। आइए हम राधा रानी और श्रीकृष्ण से संबंधित कुछ रहस्य उजागर करने जा रहे हैं। इन रहस्य से आपको समझ में आएगा कि प्यार केवल प्रेमी को पाने का नाम नहीं उसके लिए समर्पण करना ही सच्चा प्यार है।
राधा और कृष्ण की उम्र में अंतर कई पौराणिक ग्रंथ अलग अलग बताते हैं। कुछ ग्रंथों के अनुसार श्री कृष्ण राधा जी से 11 महीने छोटे थे। जबकि कुछ ग्रंथ मानते हैं कि राधा जी भगवान श्री कृष्ण से करीब 5 साल बड़ी थी। कुल मिलाकर राधा राधा रानी श्री कृष्ण से बड़ी थी।
कथाओं के अनुसार राधा जी का विवाह रायण नाम के युवक से हुआ था। जोकि यशोदा माता का भाई था। इस अनुसार रायण श्री कृष्ण के मामा थे। इस रिश्ते से राधा रानी श्री कृष्ण की मामी थी।
धर्म ग्रंथों के अनुसार राधा जी की मुलाकात श्री कृष्ण की पत्नी रुक्मणी से कुरुक्षेत्र में हुई थी। जब रुकमणी राधा रानी से मिला तो उनका आदर सत्कार करते हुए रुक्मणी ने राधा जी को गर्म दूध पीने के लिए दे दिया। राधा रानी ने उस दूध को तुरंत ही पी लिया। उसके बाद वह वापस लौट गयी।
रुकमणी जब लौटकर वापस अपने महल मे आई तो उन्होंने श्रीकृष्ण के हृदय में फफोले पडे़ देखें तो उन्होंने श्री कृष्ण से इसका कारण पूछा। श्री कृष्ण ने रुक्मणी को उत्तर देते हुए कहा हे रुकमणी जो दूध आपने राधा रानी को पीने के लिए दिया था वह काफी गर्म था। राधा रानी मेरे हृदय में निवास करती हैं। इसलिए मेरे हृदय में फफोले पड़ गए हैं।
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थापित निधिवन आज भी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है। कहती हैं कि इस निधिवन में राधा और कृष्ण का प्रेम फला फूला था। यही पर श्री कृष्ण गोपियों और राधा जी के साथ रासलीला करते थे। आज भी रोज श्री कृष्ण शाम के समय पर यहां पर रासलीला करने आते हैं।