लाश ले जाते समय ‘राम नाम सत्य है ‘ ऐसा क्यों कहा जाता है ,’शिव नाम सत्य है ‘ ऐसा क्यों नहीं कहा जाता?
जब भारत के रामेश्वरम द्वीप से श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक राम सेतु का निर्माण चल रहा था। तो भगवान राम ने सोचा मेरे नाम का जब पत्थर तैर सकता है। तो मैं तो स्वयं राम हूँ।
चुपके से उन्होंने एक पत्थर उठाया और जैसे ही पानी में डाला वह डूब गया। वहीं पास में खड़े हनुमान जी यह सब देख रहे थे। खिल-खिला कर हँस पड़े और बोले राम से बड़ा राम का नाम।
ऐसा नहीं है कि शिव नाम सत्य है कहने में बुराई है। बिल्कुल कहा जा सकता है। यह तो सदियों से चला आ रहा है। तो चलता ही जा रहा है।