लड़ाई-झगड़ा होने पर मेरे हाथ-पैरों में अचानक से कंपकंपी होने लगती है, इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है?

जी बिल्कुल नहीं , ये किसी रोग के लक्षण नहीं है इसका सीधा मतलब है कि आप एक साफ हृदय व्यक्ति है और आपकी शांति प्रिय है , तभी झगड़े के कारण आपका नर्वस सिस्टम हिलता है और आपको कंकंपी होती है , मैने भी ये समस्या झेली है क्युकी कई साल पहले तक में भी शांति प्रिय व्यक्ति रहा हूं और ज़िन्दगी में कभी स्कूल तक में भी झगड़ा नहीं किया था

पहली बार ये कंपकंपी मैने अपनी लाइफ में शायद 24–25 साल की उम्र में एक ऑटो वाले के साथ बहस के वक़्त महसूस की थी क्युकी वो मुझे गन्दी गालियां दे रहा था और में ऐसे माहौल में पाला बड़ा नहीं था , ये सिर्फ एक अचानक हुआ हमला था जिसके लिए में तेयार नहीं था और मेरे अंदर टेंशन बाद गया और मैने ये थार्रहट महसूस की ,

इसमें घबराहट या शर्मिंदगी जैसा कुछ नहीं है क्युकी हम वास्तव में झगड़ालू प्रवृति के नहीं है और हमारा शरीर ऐसे माहौल के लिए नहीं बना है इसलिए हमारा स्नायु तंत्र ऐसे भय के माहौल में कम्पन महसूस करवा के अपनी बड़ी हुई धड़कन को शांत करना का प्रयास करता है

निर्भय हो के अपना पक्ष रखने का आपको पूरा हक है ऐसे झगड़े में , में ये नहीं कह रहा को आप हर बात पर झगड़ा करें लेकिन अगर ऐसा कंपकपी का माहौल लगे तो सबसे पहले अपना ध्यान बाकी चीज़ों पर से हटा के सिर्फ दो बार लंबी सांस ले फेफड़े पूरा फुला के ! इससे मुझे मदद मिली और में आने वाले माहौल के लिए बेहतर तेयार कर पाया

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