वृन्दावन के निधि वन का क्या रहस्य है, रात में वहां रुकने पर मनाही क्यों है? जानिए वजह

ऊर्ज़ा का विज्ञान के हिसाब से तीर्थ स्थान बने हुये हैं । जैसे महाकलेश्वर उज्जैन को ब्रह्माण्ड का ह्रदयस्थल कहा जाता हैं । वहाँ से काल गणना आरम्भ हुईं थी । मंगल ग्रह की ऊर्ज़ा वहाँ ज़्यादा हैं , वहाँ मंगलनाथ मन्दिर में माँगलिक लोगों के उपाय किये जाते ।

जिनको ऐक्सिडेंट या मौत का भय हों उनका उपाय महाकलेश्वर मन्दिर में होता हैं । 12 ज्योतिर्लिंग भी आकाशीय ऊर्ज़ा को ज़्यादा आकर्षित करने के स्थान हैं उसी तरह वृन्दावन के निधि वन में श्री कृष्ण के ब्रह्माण्ड में गोलोक धाम से ऊर्ज़ा आती हैं।

भक्तों को श्री कृष्ण के वहाँ होने का अहसास होता हैं । निधि वन की तुलसी को क़ोई पानी नहीं देता और उसके पत्ते हमेशा हरे रहते । निधि वन में रात में रहने का क़ोई इन्तज़ाम नहीं इसलिये वहाँ क़ोई नहीं रहता।

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