शमशान की राख खाने में किसी को खिला दी गयी हो, तो उसका क्या उपाय करें? जानिए
कोई चिंता की बात नहीं. कुछ नहीं होगा. सारा राख मल बन कर उसके साथ शरीर से निकल जाएगा. यदि फिर भी कोई तकलीफ़ हो तो डाक्टर से सम्पर्क करें. यह पूर्ण रूप से स्वास्थ्य का मसला है.
कुछ लोग टोटका करते हैं. यह भ्रम है कि कुछ बिगड़ जाएगा. अपने मन से सारी बात निकाल दें. फिर भी यदि मन न मानता हो तो किसी शिव मंदिर जाकर ‘महा मृत्युंजय’ मंत्र १०८ बार पढ़ें और गाय को चढ़ाया हुआ प्रसाद खिला दे. यदि और चाहते हैं तो किसी भूखे को भर पेट भोजन करा दें.
महा मृतुंजय मंत्र इस प्रकार है –
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
मंत्र का अर्थ
हम त्रिनेत्र को पूजते हैं,
जो सुगंधित हैं, हमारा पोषण करते हैं,
जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है,
वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।
स्वस्थ रहें, मस्त रहें.
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