शेर और अन्य पशु मंजन नही करते ये तो सत्य बात है इसमें कोई संदेह ही नही है, परन्तु दाँत खराब नही होते ये तो पूर्णतया उचित नही
शेर जब वृद्ध हो जाता है तो उसके समस्त दाँत गिर जाते है और वो भोजन न कर पाने के कारण भूख से तड़प कर प्राण त्याग देता है।(बालकथा में सुना)
अन्य मांसाहारी पशुओं का अंत भी लगभग ऐसा ही होता है तो यदि उनके दाँत इतने अच्छे होते है तो अंतसमय से पूर्व गिर क्यों जाएंगे????
अब बात आई खराब होते है या नही
अब जंगल मे एक डॉक्टर नही होता जो उन्हें ये बात बता कर हीन भावना दे कि तुम्हारे दाँत टेढ़े है शेरजी तार कसवाने से सुंदर मुस्कान होगी।
या भेड़िए भाई आज तो मुँह से दुर्गंध आ रही है ये 500 रुपये का मुहसाफ करने का विलयन लो दिन में दो वार भोजन के पश्चात कुल्ला करने है।
तो इस प्रकार न इनको ज्ञान देने वाला डॉक्टर होता है न उनके मित्रो परिवार या सम्बधियों को उनके दांत से कोई कठिनाई इस प्रकार वो जैसे है वैसा जीवन जी कर सरलता से रहते हैं कोई दिखावा नही ।
पशु अधिक मीठे पदार्थ नही खाते कोल्डड्रिंक कॉफी चाय इत्यादि इसके कारण उनका शर्करा का स्तर सामान्य रहता है जो दांत को सही रखता है।
धूम्रपान मधपान गुटखे तम्बाकू नही खाते बेचारे पशु इस कारण उनके दाँत साफ रहते हैं ।
कच्चा खाएं तो अच्छा रहता है डॉक्टर हमे भी सलाद खाने को कहते है हम नही मानते बेचारे मूक पशु कच्चा भोजन करते हैं तो दांत अच्छे रहते हैं।
उनके खानपान की आदते बहुत सही होती है इस कारण भी दाँत की आयु बढ़ती है।
मनुष्य की आयु अधिक होने के कारण उसे डॉक्टर से नई दंतपंक्ति लगवानी पड़ती है, पशुओ के लिए कोई दंतपंक्ति नही बनाएगा इसलिए उनकी आयु मनुष्य से अल्प ही होती है।