सभी महापुरुष ‘मोक्ष’ क्यों चाहते हैं इसका रहस्य क्या है
सभी धर्म का अंत लगभग मोक्ष प्राप्ति पर खत्म होता है इन में- मुख्यता हिंदू धर्म बौद्ध धर्म जैन धर्म यही सब धर्म मोक्ष या फिर बोध की बात करते हैं अभी जो समाज में मोक्ष की अवधारणा- है उस का सामान्य अर्थ क्या है उसके अनुसार अनंत में विलीन हो जाना या फिर आत्मा का परमात्मा में समा जाना इस संसार के प्रति अवधारणा है यहां व्यक्ति बार-बार जन्म लेता है.
वह अपने पिछले कर्मों को इस जन्म में भोगता है जब तक उस व्यक्ति- के कर्म अच्छे नहीं हो जातेवह बार-बार जन्म लेता रहता है जब व्यक्ति सत्कर्म करने लगता है तब जाकर उसको मोक्ष कीप्राप्ति होती है और वह कर्म बंधन और बार-बार जन्म लेने की स्थिति- से बाहर निकलकर परमात्मा में हमेशा के लिए समा जाता है.
पृथ्वी पर जितने भी महापुरुष हुए हैं उन का अंतिम उद्देश्य बोध प्राप्ति या फिर मोक्ष की प्राप्ति था मोक्ष प्राप्ति के लिए सभी—- महापुरुषों ने अलग-अलग मार्ग भी बताए हैं इनमें 3 मार्ग प्रमुख है पहला द्वैत मार्ग के अनुसार मनुष्य एक आत्मा है भगवान—- परमात्मा और यह दोनों अलग-अलग है आत्मा का जीवन का- लक्ष्य परमात्मा मैं विलीन हो जाना है दूसरा मार्ग है अद्वैत मार्ग- इस के अनुसार आत्मा और परमात्मा दोनों एक ही है इन को– अलग नहीं किया जा सकता आदि गुरु शंकराचार्य ने यह मार्ग– दिया था तीसरा मार्ग हैं विशिष्ट अद्वैत इस के अनुसार आत्मा— परमात्मा का ही अंग है परंतु यह अभी अलग हो गया है कुछ— समय बाद यह फिर से परमात्मा में समा जाएगा मोक्ष मोक्ष इन सब के बारे में विभिन्न मत है महापुरुषों ने अपनी ज्ञान बुद्धि के- अनुसार इन मार्गों को बताया.
मोक्ष की अवधारणा मेरे अनुसार अपने अस्तित्व को खोना ना– हो कर बल्कि इस जीवन में और इस जीवन के बाद भी अपने– अस्तित्व को बनाए रखना है इसके पीछे कारण यह है अगर—- हमारी मृत्यु हो जाती है तो हमारी मृत्यु केसाथ हमारा अस्तित्व- खत्म हो जाता है अब हम इसे मोक्ष नहीं कह सकते मोक्ष महा- पुरुषोंं ने प्राप्त किया है जैसे बुद्ध महावीर राम कृष्ण और धर्मोंं- के महापुरुष जिन को हम जानते हैं.
इन का आज भी अस्तित्व- तो है तभी तो लोग उन को आज भी जानते हैं और मरने के—– बाद भी सूक्ष्म रूम में इन का अस्तित्व है जब तक इस दुनिया– में उन को मानने वाले लोग रहेंगे तब तक उन का सूक्ष्म रूप में- भी अस्तित्व बना रहेगा इसीलिए महापुरुषों जीवित रहते हुए— अपने मानने वाले अनुयाई बनाए हैं क्योंकि अगर हम किसी—- महा पुरुष का नाम लेते हैं तो उसे भी ऊर्जा मिलती है और वह- भी सूक्ष्म रूप में रहते हुए आपकी सहायता कर सकता है इसी- लिए सभी धर्म के लोग माला के द्वारा उन का नाम जप कर केेे-उन का अस्तित्व बनाए रखते हैं और खुद भी ऊर्जा ग्रहण करते रहते हैं.