सूखे कागज़ के स्थान पर गीले कागज को फाड़ना आसान क्यों होता है? जानिए इसके पीछे की वजह
कागज़ पेड़ -पौधों की लुगदी से बनता है । यह लुगदी सेल्यूलोस की बनी होती है ।अर्थात कागज में सेल्यूलोस की बहुतायत होती है , जो एक रेशेदार पदार्थ है। यह सेल्यूलोस फाइबर एक दूसरे से एक जाल की तरह जुड़े होते है। इनके बीच में हाइड्रोजन बंध होता है। जब कागज़ को फाड़ा जाता है तो उसे विपरीत दिशा में खींचा जाता है।
इससे कागज़ को जोड़े रखने वाले हाइड्रोजन बंध टूटने लगते है। जिस वजह से सूखा कागज फाड़ने में जोर लगता है । 10 – 12 पन्ने एक साथ फाड़ने में यह अधिक अनुभव होता है ।
कागज़ गीला होने पर कागज़ के रेशे (FIBRES )पानी को सोख कर फूल जाते हैं । उनके बीच मौजूद हाइड्रोजन बंध को जल के अणु प्रतिस्थापित कर देते हैं ।
कागज के रेशों का जाल टूट जाता है ।कागज आसानी से फट जाता है।