सेब का सिरका कैसे बनाया जाता है और यह कौन-सी बीमारियों के लिए फायदेमंद है?

एक कांच का बड़ा बर्तन लें। इसमें सेब के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर डाल दें। अब इसे खुला छोड़ दे। कुछ समय बाद सेब के टुकड़े लाल होने शुरू हो जाएंगे। अब कांच के बर्तन में ऊपर तक पानी भर दें। अब इसे कुछ दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दें। कुछ दिन बाद कांच के बर्तन के ऊपर सूती कपड़ा बांधकर इसे अंधेरे कमरे में पर रख दें।

करीब एक महीने बाद इस मिश्रण को एक अलग बर्तन में छान लें। सेब के गले हुए टुकड़ों को अलग फेंक दे। बाकी बचा हुआ मिश्रण सेब का सिरका (Apple Vinegar) होगा।

अगर आपको सेब का सिरका बनाने में मुश्किल आ रही है तो आप इसे मार्केट से बना बनाया (Readymade) भी खरीद सकते हैं।

सेब के सिरके में कुछ बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं जैसे एसिटिक एसिड, कैटचिन, गैलिक एसिड, कैफीक एसिड आदि इसी कारण इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। ये एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल के हानिकारक प्रभावों को रोकते हैं।

सेब के सिरके का नियमित सेवन मेटाबॉलिजम को अच्छा करता है और इससे मोटापे से छुटकरा पाया जा सकता है।

सेब का सिरका ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार होता है।

सेब का सिरका पेट में लाभकारी बैक्टीरिया को विकसित करने में मदद करता है और इसके साथ ही स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखता है।

यदि आपके भोजन के पोषक तत्व ठीक से अवशोषित नहीं होते हैं, तो सेब के सिरके से पेट में एसिड का स्तर उचित पोषक तत्व अवशोषण को सक्षम कराता है और मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है।

सेब के सिरके के 2 चम्मच एक गिलास पानी में डाल कर पीने से शरीर में स्फूर्ति और ऊर्जा का संचार हो जाता है।

इसका प्रयोग कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए अकेले या शहद के साथ भी किया जा सकता है।

सेब के सिरका कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। इससे हृदय के स्वास्थय को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगियों को भी सेब के सिरके का सेवन करने से फायदा होता है।

लिवर की वजह से होने वाली परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए भी सेब का सिरका काफी फायदेमंद साबित होता है। यह लिवर को डिटॉक्सिफेकेशन कर शरीर को सुचारू रूप से चलाने का काम करता है।

सेब के सिरके का सेवन करने से गुर्दों की पथरियों को भी खत्म किया जा सकता है, क्योंकि यह अपने आप में एसिडिक स्वभाव का होता है।

सिरका के एंटीबैक्टीरियल गुण गले के संक्रमण और खराश के इलाज में मददगार साबित होता है। इसके लिए बस एक चम्मच सिरका एक कप पानी में डाल कर धीरे-धीरे उसका सेवन दिन में 2–3 बार करें इससे आपके गले को आराम मिलेगा।

जब भी हिचकी आती है तो ऐसे में सिरका का सेवन करने से दिमाग का ध्यान सिरके की कड़वाहट पर चला जाता है और हिचकी अपने आप बंद हो जाती है।

सेब के सिरके में, पोटेशियम की उच्च मात्रा होने के कारण यह पैर की ऐंठन कम कर सकता है।

अंडरआर्म में गंध आने पर पर थोड़ा सा सिरका लगाए। यह शरीर की गंध को कम कर देगा सिरके के गंध की चिंता ना करें ये सूखने के बाद नहीं आती।

बालों में रूसी को खत्म करने के लिए पानी और सेब के सिरके की आधी-आधी मात्रा मिलाकर रूसी समाप्त होने तक नियमित रूप से सिर में लगायें।

अगर आप सर्दी के कारण बहती हुई नाक से परेशान हो गए हैं, तो यह सिरका आपके लिए मददगार है। 1 चम्मच शहद और 2 चम्मच सिरके को गुनगुने पानी के साथ लेने से साइनस इन्फेक्शन और बंद नाक से छुटकारा पाया जा सकता है।

इसका प्रयोग एक फेस क्लिएंज़र के तौर पर किया जाता है। इसे पानी के साथ मिलाकर रुई से चेहरे पर लगाये। ये आपके चेहरे को अच्छी रंगत देगा और एक बढ़िया डिटॉक्स होने के कारण यह सिरका चेहरे के दानों से छुटकारा पाने में भी मदद करता है।

पैरों से दुर्गंध आ रही हो तो एक टब में गर्म पानी के साथ आधा कप सिरका मिलाकर कुछ मिनटों के लिए अपने हाथ और पैर इसके अंदर डालें। जब आप अपने हाथ पैर धोयेंगे तो डेड सैल्स पैर से अलग हो जाएंगे और धीरे धीरे दुर्गन्ध की समस्या ख़त्म हो जाएगी।

दो चम्मच सेब के सिरके को पानी के साथ मिलाकर इसका रोजाना सेवन करना चाहिए यदि आप चाहें तो शहद मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। फलों के रस के साथ भी सेब के सिरके को मिलाकर इसका उपयोग किया जा सकता हैं।

यह ध्यान रखें कि सेब के सिरके का सेवन खाली पेट ना करें। खाली पेट इसका सेवन करनें से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है। आप इसे खाना खाने के बाद लें।

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