स्वर्ण भस्म क्या होती है तथा इसकी क्या उपयोगिता है?

स्‍वर्ण भस्‍म एक आयुर्वेदिक दवा है। इसे शुद्ध सोने से तैयार किया जाता है। शुद्ध स्‍वर्ण पत्र को नींबू के रस में डुबोकर रखा जाता है। नींबू के रस में डालने से पहले स्‍वर्ण पत्र में रससिंधुरा का पेस्‍ट लगाया जाता है। इस मिश्रण को 4 से 5 घंटे तक एक हवा बंद कंटेनर में 400 से 500 डिग्री सेंटी ग्रेट के तापमान रखा जाता है।

इसे शरीर के सभी अंगों के स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए उपयोग किया जाता है। यह शारीरिक क्रियाओं की क्षमता को बढ़ाता है, साथ ही साथ पुरानी से पुरानी बीमारी के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जाता है। खासतौर से मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाने के लिए इसका उपयोग लाभकारी माना जाता है।

स्‍मृतिभ्रंस, एकाग्रता, शारीरिक संतुलन और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार के लिए स्‍वर्ण भस्‍म युक्‍त दवा का उपयोग किया जाता है। स्‍वर्ण भस्‍म को अवसाद, मस्तिष्‍क की सूजन और मधुमेह के कारण उत्पन्न न्‍यूरोपैथी जैसी समस्यायों के निवारण में भी इसका उपयोग किया जाता है।

खासतौर पर पुरुषों के यौन स्‍वास्‍थ्‍य की समस्याओं के लिए स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जाता रहा है। इससे पुरुषों में स्तंभन दोष, शुक्राणुओं की कमी और समय पूर्व स्खलन जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

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