स्वास्तिक के क्या क्या प्रयोग हैं?
पुराणों में स्वास्तिक को लक्ष्मी और गणपति का प्रतीक माना गया हैI स्वास्तिक संस्कृत के ‘सु’ और ‘अस्ति’ से मिलकर बना हुआ है, जिसका अर्थ होता है, ‘शुभ’. स्वास्तिक से परिवार, धन, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी खत्म होती हैंI अब मैं आपको बताता हूँ कि स्वास्तिक से कैसे इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता हैI
स्वास्तिक से होगी मनोकामना पूरी:
मंदिर में उल्टा स्वास्तिक बनाने से लंबे समय से फंसा हुआ काम पूरा होता है, मनोकामना पूरी होती है. मनोकामना पूरी हो जाने पर उसी मंदिर में सीधा स्वास्तिक बना देंI
घर के मंदिर या किसी मंदिर में स्वास्तिक बनाकर उसपर पांच अनाज रख कर दीया जलाने से मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैंI
घर के मंदिर पर स्वास्तिक बनाकर उस पर इष्टदेव की मूर्ति रख पूजा करने से दिल की इच्छा पूरी होती हैI
रात को अगर आपको अच्छी नींद नहीं आती तो घर के मंदिर में तर्जनी अंगुली से स्वास्तिक बनाएं. इससे बुरे सपने आने भी बंद होते हैंI
घर के बाहर कुमकुम, सिंदूर से रंगोली बनाने से देवी-देवता खुश हो जाते हैं।