अंग्रेजों ने 15 अगस्त को ही भारत को आजादी क्यों दी, कोई और दिन/तारीख क्यों नहीं चुना? जानिए वजह

भारत के अंतिम वाइसराय लार्ड मौन्टबेटन थे और जापान के साथ द्वितीय विश्व युद्ध मे दक्षिण पूर्वी एशिया कि ब्रिटिश फोजों के सुप्रीम कमांडर भी 1945 मे भी वही थे. जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध मे सिंगापूर मे लार्ड माउंटबटेन के सामने ही हथियार डाले थे 15 अगस्त 1945 को और अपनी हार स्वीकार कर लि थी.

ज्ञात ही है कि अमेरिका ने जापान के नगर हिरोशिमा और नागासाकी पर फैट मेंन और लिटिल बॉय नाम के ढो परमाणु बम पटक दिए थे छै और नौ अगस्त को, जिससे दोनों शहर तवाह हो गए थे और जापान के पास हार स्वीकार कर आत्मसमर्पण के सिवा कोई चारा नहि था.

ब्रिटिश सरकार ने 3 जून 1947 को ही भारत के विभाजन कि घोषणा कर दी थी और इंडिया इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 को ब्रिटिश पार्लियामेंट ने पास कर दिया था तथा राजा कि स्वीकृति 18.जुलाई 1947 को मिल गयी थी. इस तरह भारत और पाकिस्तान क्रमशः हिंदू और मुसलमानो के लिए रहने कि देश के रूप मे मिल गए थे. लार्ड मौन्टबटेन के पास अधिकार था कि किस दिन पावर भारतियों को ट्रांसफर करि जय. इसी बात को ध्यान रखकर लार्ड मौन्टबेटन ने जापान कि हार कि दूसरी बरसी 1947 को भारतीयों को आजादी का दिन बनाने कि योजना स्वयं बनाई और भारतीय नेताओं को भी समझा दीया जो स्वयं ही पहले ही समझे हुए थे कि पावर तो मिले.

इसमें भारतीय आजादी हेतु जापान कि सहायता को ध्यान रखते हुए, रास बिहारी बोस, सुभाष चण्ड बोस और राजा महेंद्र प्रताप बरकतुल्ला खान को मिले जापानी समर्थन से सचेत होकर भविष्य मे दोनों देशों के बीच कटुता बनये रखने हेतु उन्होंने इस 15 अगस्त का दिन चुना. यह दिन चुनने का उपरोक्त कारण लिखित न होकर गौण था और वास्तविक था. इसका भी उन्होंने छुपे मन से ख्याल रखा. इस दिन 15 अगस्त को ही VJ डे या विक्ट्री ओवर जापान के रूप मे मनाया जाता है.

अतः भारतियों का आजादी का दिन जापान कि हार का दिन एक ही है. इस दिन जापान मे शोक होता है और भारत मे आजादी कि धमक. लार्ड मोबटबाटें ने अपनी वीरता के दिन को, भारत कि आजादी का दिन माना और भारतियों को पावर ट्रांसफर करि. इसलिए ही 15 अगस्त को भारत आज़ाद किया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *